
अखिलेश यादव का बदला मन! जानिए विधायक या सांसद, क्या बने रहना चाहते हैं
अखिलेश यादव पशोपेश में हैं कि मैनपुरी के करहल से विधायक बनें रहें या फिर आजमगढ़ से सांसद। इस संकट को लेकर पार्टी कार्यकर्ता और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मंथन चल रहा है। कौन सी सीट खाली करें मैनपुरी की करहल या आज़मगढ़। पर होली में अचानक एक कहानी में एक ट्विस्ट आ गया है। बताया जा रहा है कि, समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव होली के मौके पर अपने नए विधायकी सीट मैनपुरी के करहल गए। होली मिले। एक बैठ में शामिल हुए। जहां उन्होंने अपने मन की बात अपने करीबी नेताओं के संग शेयर की। इसके बाद बताया जा रहा है कि, अखिलेश यादव का कुछ मन बदल गया है और एक फैसला उन्होंने कर लिया है। बताया जा रहा है कि, उनके हावभाव से ऐसा पता चल रहा है कि अब वो यूपी की राजनीति में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे। अखिलेश करहल नहीं छोड़ेंगे। करहल के पार्टी नेताओं की मानें तो अखिलेश ने बताया कि, वे यूपी की राजनीति करते रहेंगे। दिल्ली जाने के बदले वे लोगों के साथ संघर्ष करते रहेंगे।
करहल से अखिलेश यादव ने चुनाव जीता
अखिलेश को इस बार बड़ी उम्मीद थी कि राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। इसी रणनीति के तहत जब योगी आदित्यनाथ ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो अखिलेश ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया। पार्टी के कुछ नेता चाहते थे कि वे आज़मगढ़ की किसी सीट से चुनाव लड़ें। पर अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि करहल को चुना। भाजपा ने उनके खिलाफ मोदी सरकार में मंत्री एस पी सिंह बघेल को टिकट दे दिया। मुलायम ने भी अखिलेश के लिए चुनाव प्रचार भी किया।
ये फैसला पार्टी करेगी : अखिलेश
करहल से समाजवादी पार्टी के बूथ कार्यकर्ताओं संग अखिलेश यादव की बैठक करीब दो घंटे तक चली। इस दौरान अखिलेश ने सबकी बातें बड़े ध्यान से सुनीं। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मांग रखी कि अखिलेश करहल न छोड़ें। बैठक में अखिलेश यादव ने कहा कि ये फैसला पार्टी करेगी। लेकिन सब जानते हैं कि पार्टी का मतलब तो अखिलेश ही हैं।
Updated on:
19 Mar 2022 07:58 pm
Published on:
19 Mar 2022 05:56 pm
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