
लखनऊ. फूलुपर और गोरखुपर की संसदीय सीटों के लिये कल यानी 11 मार्च वोटिंग होनी है। सपा-भाजपा और कांग्रेस उपचुनाव में जीत के लिये पूरी दम लगाये हुए हैं। मायावती द्वारा अखिलेश यादव को समर्थन देने के बाद मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच माना जा रहा है। दोनों दलों के प्रमुख नेता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सपा की जीत का दावा किया, वहीं भाजपा पर जमकर निशाना साधा।
अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर फुलपुर में रोड शो के दौरान की विशाल जनसमूह की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है कि ये फूलुपर में सपा के समर्थन की ये लहर नहीं तूफान है। ऐसा लगता है कि इस बार जनता 'साइकिल' का बटन दबाकर समाजवादी पार्टी को जिताने के लिये बेताब है।
बीजेपी पर साधा निशाना
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट में केंद्र की नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार की विघटनकारी राजनीति, झूठे वादों, किसानों-कारोबारियों-बेरोजगारों की बर्बादी और बैंकों की लूट से परेशान जनता इस बार समाजवादी पार्टी को जिताने के लिए आतुर है।
फुलपुर में अखिलेश का रोड शो
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन शुक्रवार को अखिलेश यादव ने फूलपुर में विशाल रोड शो किया था। इस दौरान सपा अध्यक्ष ने जहां सपा प्रत्याशी नागेंद्र प्रताप सिंह के लिये वोट मांगा, वहीं बीजेपी सरकार पर एक के बाद एक शब्दबाण चलाये। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में किसानों को सिर्फ धोखा मिला है।
इन दलों ने सपा का किया समर्थन
उत्तर प्रदेश की दो सीटों गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में विपक्षी दलों ने भाजपा को हराने के लिये समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया है। जिन पार्टियों ने उपचुनाव में सपा को समर्थन देने की घोषणा की है। उनमें बसपा, रालोद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, निषाद पार्टी, पीएमएसपी और पीस पार्टी आदि शामिल हैं।
कल वोटिंग और 14 मार्च को काउंटिंग
गोरखपुर और फुलपुर लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिये 11 मार्च को वोट डाले जाएंगे। मतगणना 14 मार्च को होगी। आपको बता दें कि गोरखपुर सीट योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई, जबकि फुलपुर लोकसभा सीट केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद रिक्त हुई है। हालांकि, इन दोनों सीटों पर करीब साल भर बाद फिर चुनाव होंगे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस दो सीटों पर जीत के जरिये प्रमुख राजनीतिक दल जनता में अपनी लहर का संदेश देना चाहते हैं।
Published on:
10 Mar 2018 04:07 pm
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