
त्योहारों के चलते देश भर के रेलवे स्टेशनों में यात्रियों की भीड़ उमड़ी हुई है
Railway News:त्योहारी सीजन के चलते रेल गाड़ियों और बसों में सीट पाने के लिए मारामारी का माहौल पैदा हो गया है। उत्तराखंड के काठगोदाम स्टेशन से दिल्ली को चलने वाली तीनों रेलगाड़ियां छह नवंबर तक फुल हो गई हैं। इन ट्रेनों की वेटिंग भी बहुत ज्यादा है। रानीखेत एक्सप्रेस में 235 वेटिंग चल रही है। ऐसे हालात में काठगोदाम से दिल्ली के लिए संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और रानीखेत एक्सप्रेस में सीटें मिलना मुश्किल दिख रहा है। यह हाल केवल स्लीपर का नहीं है। एसी कोच में भी सीट फुल हो चुकी हैं। इतना ही नहीं अगर लोग सीधे न आकर ट्रेन बदलकर भी सफर करना चाह रहे है तो भी वेटिंग बहुत ज्यादा है। रेलवे और बस स्टेशनों पर यहां लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। घंटों इंतजार के बाद भी ट्रेन में सीट नहीं मिल पा रही है। लोग अन्य वाहनों से यात्रा करने को विवश हो रहे हैं।
शताब्दी एक्सप्रेस- शताब्दी में एग्जीक्यूटिव कार चेयर में 2 से 6 नवंबर तक वेटिंग है। यह वेटिंग 10 से 12 के बीच में है। वहीं कार चेयर में 2 से लेकर 5 तक 20 से ज्यादा की वेटिंग है। आईआरसीटीसी का पोर्टल सीटें उपलब्ध दिखा रहा है।
संपर्क क्रांति-संपर्क क्रांति एसी चेयर कार में 2 से 6 नवंबर तक 30 से लेकर 100 तक की वेटिंग चल रही है। सामान्य सीट (2 एस) में 49 से 112 तक की लंबी वेटिंग चल रही है।
तत्काल दिख रहा बेअसर:यात्री सफर के लिए तत्काल का सहारा ले रहे हैं। वह सुबह घंटों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं, पर उनको इस तरीके से भी सीट मिलने पर नाके बचने चबाने पड़ रहे हैं। लोगों को बैरंग लौटना पड़ रहा है।
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों के वो यात्री जिनका इन ट्रेन में रिजर्वेशन है, उनको काठगोदाम पहुंचने में लगने वाले समय से दो घंटे पहले निकलाना होगा। काठगोदाम रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक डीएस बोरा के मुताबिक इसकी वजह नैनीताल और भीमताल में लगने वाला जाम है। पूर्व में जाम के चलते कई यात्रियों की ट्रेन छूट चुकी हैं। वीकेंड पर जाम ज्यादा लगने से परेशानी आती है। देश-विदेश से सैलानी पहाड़ की ओर रुख कर रहे हैं। रेलवे के अधिकारी यात्रियों के जाम को लेकर आगाह करते रहते हैं।
नैनीताल सहित प्रदेश के दूसरे जिलों से दीवाली पर घर गए लोगों को अब लौटने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। हल्द्वानी और काठगोदाम डिपो वापसी में भी अतरिक्त बसें चलाएगा। अतरिक्त बसों की संख्या 25 तक हो सकती है। अब घर गए लोगों को वापसी में कोई दिक्कत न हो इसके लिए तीन तारीख से अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी। परिवहन निगम प्रभारी सहायक महाप्रबंधक मनोज पांडे के मुताबिक, लोगों की सुविधा के जरूरत के अनुसार अतिरिक्त बसों का संचालन किया जाएगा। अतिरक्त बसों की संख्या 25 तक हो सकती हैं। आम तौर पर हल्द्वानी और काठगोदाम डिपो 100 तक बसें चलाता है।
Updated on:
02 Nov 2024 07:42 am
Published on:
02 Nov 2024 07:34 am
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