
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए नया प्रमाणपत्र कोर्स निशुल्क फोटो सोर्स : Social Media
Anganwadi Digital Education: उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (UPRTOU) ने शैक्षणिक सत्र जुलाई 2025-26 की प्रवेश प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत कर दी। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सत्यकाम ने न केवल प्रवेश पोर्टल का उद्घाटन किया, बल्कि शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए विशेष कोर्स की भी घोषणा की।
इस बार विश्वविद्यालय ने एक अभिनव पहल करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बाल विकास एवं पोषण पर आधारित छह माह का प्रमाणपत्र कार्यक्रम (Certificate Programme) शुरू किया है। इस कोर्स में प्रवेश पूरी तरह से निशुल्क रखा गया है, जिससे राज्य की हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। कुलपति ने कहा कि यह कोर्स न केवल उनके कार्य में दक्षता लाएगा, बल्कि बच्चों के समग्र विकास और पोषण में भी गुणवत्ता सुधार करेगा।
यह छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स अधिकतम दो वर्षों में पूरा किया जा सकता है। इसमें चार प्रश्न पत्र होंगे और प्रत्येक प्रश्नपत्र के लिए परीक्षार्थियों को 150 रुपये की फीस देनी होगी। इस प्रकार कुल परीक्षा शुल्क 600 रुपये निर्धारित किया गया है। शिक्षण सामग्री की व्यवस्था डिजिटल माध्यम से की गई है, जिसे विश्वविद्यालय के एकलव्य ऐप और आधिकारिक वेबसाइट पर निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। यदि कोई शिक्षार्थी भौतिक रूप में पुस्तक चाहता है, तो उसके लिए 1000 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
कोर्स का उद्घाटन कार्यक्रम प्रतीकात्मक रूप से आयोजित किया गया, जिसमें दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं शकुंतला और पुष्पा पटेल को निशुल्क प्रवेश प्रदान किया गया। इस पहल के माध्यम से विश्वविद्यालय ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक दायित्वों को गंभीरता से ले रहा है। साथ ही, यह कोर्स आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए व्यावसायिक दक्षता बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है।
कुलपति प्रो. सत्यकाम ने यह भी बताया कि यदि विश्वविद्यालय को उपयुक्त प्रायोजक मिलते हैं, तो भविष्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अन्य पाठ्यक्रमों में भी निशुल्क प्रवेश की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। मंगलवार को कुलपति जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ विशेष बैठक करेंगे, जिसमें इस योजना को और विस्तार देने की रणनीति बनाई जाएगी।
उद्घाटन कार्यक्रम में प्रवेश लेने वाले पहले छात्र, एमजे प्रथम वर्ष के आवेश कुमार मौर्य को कुलपति ने स्वयं पाठ्य सामग्री प्रदान की। आवेश ने बताया कि उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से दूरस्थ शिक्षा को चुना है। उन्होंने मुक्त विश्वविद्यालय की पाठ्य सामग्री को गुणवत्तापूर्ण और उपयोगी बताया।
प्रवेश प्रभारी प्रो. जयप्रकाश यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय ने इस बार पूरी तरह से समर्थ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की है। इस तकनीकी माध्यम से सभी 70 स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं और प्रदेश भर में इसे लागू कर दिया गया है।
इस अवसर पर कुलपति ने सभी क्षेत्रीय समन्वयकों से अपील की कि वे इस बार पिछले वर्षों की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक दाखिले का लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जो क्षेत्रीय केंद्र अच्छा प्रदर्शन करेंगे, उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से विशेष पारितोषिक प्रदान किया जाएगा। यह पहल शिक्षा के प्रचार-प्रसार में लगे कर्मचारियों और समन्वयकों के लिए एक प्रोत्साहन स्वरूप कार्य करेगी।
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार है, बल्कि यह समाज सेवा और व्यावसायिक शिक्षा का एक आदर्श उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बाल पोषण और विकास जैसे अति महत्वपूर्ण विषय पर विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर देना एक दूरदर्शी कदम है, जिससे राज्य में बाल विकास कार्यक्रमों की गुणवत्ता में निश्चित रूप से सुधार होगा।
विश्वविद्यालय की ओर से यह सुनिश्चित किया गया है कि पाठ्य सामग्री डिजिटल रूप में उपलब्ध हो, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इस कोर्स का लाभ मिल सके। डिजिटल शिक्षा के इस युग में यह एक अत्यंत सराहनीय पहल है, जिससे न केवल साक्षरता दर में वृद्धि होगी, बल्कि कार्यकुशलता भी बढ़ेगी।
Published on:
08 Jul 2025 08:05 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
