
लखनऊ. लोकसभा चुनाव के लिये सभी दलों ने दलितों को रिझाना शुरू कर दिया है। भाजपा नेता रात्रि प्रवास के दौरान दलितों के घर भोजन कर उनके सामने सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं तो बसपा सुप्रीमो मायावती बीजेपी को दलित विरोधी साबित करने का कोई मौका नहीं चूक रही हैं। दलितों के बीच नेताओं की बयानबाजी ही बीजेपी की किरकिरी करा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल के ताजे बयान ने विवाद को और हवा दे दी है।
शुक्रवार को मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि मंत्रियों के दौरों से दलितों को शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि पूरी रात मच्छर काटने के बावजूद बीजेपी के नेता और मंत्री दलितों के घर जाते हैं, ताकि उन्हें सरकारी सुविधाओं का फायदा लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंत्री दलितों के घर में रात गुजार रहे हैं, जहां मच्छर काटते हैं, बावजूद इसके हम वहां जाते हैं।
दलितों का उद्धार कर रहे बीजेपी के नेता : मंत्री मोती सिंह
दलितों के घर खाने के मामले में बीजेपी नेताओं के विवादित बयानों की लिस्ट बढ़ती जा रही है। इससे पहले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि दलितों के घर भोजन करने को राम-शबरी प्रसंग से जोड़ दिया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के नेता-मंत्री दलितों के घर जाकर उनका उद्धार कर रहे हैं।
भोजन के जरिये दलितों का अपमान : बीजेपी सांसद
दलितों के घर भोजन के मुद्दे पर बहराइच की बीजेपी सांसद सावित्री बाई फूले ने योगी सरकार पर निशाना साधा। गुरुवार को उन्होंने कहा था कि केवल घर में खाना खाने भर से दलितों का सम्मान नहीं बढ़ जाता है। नेता मंत्री बाहर से खाना मंगवाकर खा रहे हैं। भंडारी भी बाहर से आता है। यह पूरे देश के बहुजन समाज व अनुसूचित जाति व गरीबों का घोर अपमान है।
Published on:
04 May 2018 04:55 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
