
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को यूपी स्पेशल टास्क फोर्स यानी STF ने गुरुवार को झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया है। इस एनकाउंटर के बाद से राजनीति शुरू हो गई। इसी बीच सोशल मीडिया पर यूपी के बाहूबलियों की एक लिस्ट वायरल हो रही है, जिनके एनकाउंटर की मांग की जा रही है।
असद अहमद के एनकाउंटर वाली खबर के पोस्ट पर एक यूजर ने 17 लोगों की लिस्ट शेयर किया है। लिखा है, "मैं तो कहता हूं कि बोहुत सही किया बाबा ने एनकाउंटर कर के। लेकिन ये मासूम लोग कौन हैं और इनके खिलाफ कितने मामले किन किन धाराओं में लंबित है? और कौन कौन से इलाके के डॉन है? और सबसे खास बात इनका किस पार्टी से क्या लेना देना है? इनका एनकाउंटर बाबा नहीं कर सकते, वरना लात मार के कुर्सी गिरा देंगे, और सबसे बड़ा सवाल बृजेश सिंह को 13 साल बाद बैल कैसे मिल गई? इसको अभी तक करीब साढ़े 22 हजार लोगों ने देखा है। जबकि 353 लोगों ने लाइक और 91 ने रिट्वीट किया है।
वहीं, एक और यूजर ने भी 17 लोगों के नाम की लिस्ट शेयर कर लिखा है, "लगे हाथों इनका भी इनकाउंटर करवा के, खौफ कम किया जाए।"इसको अभी तक करीब 59 हजार लोगों ने देखा है। जबकि 2411 लोगों ने लाइक और 1014 ने रिट्वीट किया है।
अखिलेश बोले- भाजपा भाईचारे के खिलाफ
बता दें कि इस एनकाउंटर के बाद नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, "झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के खिलाफ है।"
उच्च स्तरीय जांच जरूरीः मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा है कि, "प्रयागराज के अतीक अहमद के बेटे व एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चाएं गर्म हैं। लोगों को लगता है कि विकास दुबे काण्ड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है। अतः घटना के पूरे तथ्य व सच्चाई जनता के सामने आ सके इसके लिए उच्च-स्तरीय जांच जरूरी।"
मानवाधिकार का किया गया हननः UP कांग्रेस
इस एनकाउंटर को लेकर UP कांग्रेस ने कहा कि, मानवाधिकार का हनन किया गया, उठाकर मार दिया। यहां के CM की 'ठोको नीति' अपराधियों के सिर चढ़ गई है। छोटी-छोटी बात में भी ठोक दो। ना पुलिस! ना थाना! ना FIR! ना मुकदमा! ना कोर्ट! ना जज! सीधा फैसला। जहां की सत्ता ही बुलडोजर और ठोकने से चलती हो। वहाँ जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
Updated on:
14 Apr 2023 10:45 am
Published on:
14 Apr 2023 10:43 am
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