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लखनऊ. पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडेय के बेटे आशीष पांडेय नई दिल्ली के एक पांच सितारा होटल के बाहर गन लहरा कर कपल को धमकाने के बाद से सुर्खियों में हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद से आशीष पांडेय की तलाश लखनऊ से लेकर नेपाल बॉर्डर तक जारी थी। लिहाजा गुरूवार को उन्होंने खुद को सरेंडर कर दिया। सरेंडर से पहले उन्होंने वीडिय जारी कर अपने बचाव में कहा है कि उन्होंने पिस्टल अपने बचाव में रखी थी। उन्हें आरोपी की तरह पेश किया जा रहा है। उनका कहना है कि उन्होंने न किसी को नुकसान पहुंचाया है और न ही किसी को धमकी दी है। उन्हें टेररिस्ट की तरह पेश किया जा रहा है। उनका कहना है कि वे एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उन्हें किसी अपराधी की तरह पेश करना गलत है। उन्होंने खुद को पटियाला हाउस कोर्ट में खुद को सरेंडर किया है।
आशीष पांडेय ने ये भी कहा है कि उन्हें घटना के वायरल वीडियो की जानकारी दो-तीन दिन बाद हुई। उनके लुए लुकाआउट सर्कुलर जारी किया गया है। वे इस बात से इंकार नहीं करते हैं कि ये घटना हुई लेकिन उनका कहना है कि वायरल वीडियो में घटना का सिर्फ एक ही पहलू दिखाया गया है। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाला जाना चाहिए।
देश की न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा
आशीष पांडेय ने कहा है कि मुझ पर आरोप है कि मैने वहां मौजूद लड़की को पिस्टल दिखाई और उन्हें धमकाने की कोशिश की लेकिन मैने उस लड़की से बात तक नहीं की। उसके साथ मौजूद उसके दोस्त ने मुझसे उलटी सीधी बात की। इसके बाद आशीष कहते हैं कि मुझे अपने देश की न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा है। साथ ही कहा कि अगर मेरे पिता पूर्व सांसद हैं और चाचा विधायक हैं, तो ये उनका जुर्म नहीं है कि वे राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
बता दें कि मंगलवार को आशीष पांडेय का पांच सितारा होटल के बाहर एक कपल को धमकाने और पिस्टल लहराने का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो वायरल होने के बाद से पुलिस उनकी तलाश में जुट गई। वहीं उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है। उनपर दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया है।
परिवार को बदनाम करने की कोशिश
आशीष पांडेय के चाचा पवन पांडेय का इस मामले में कहना है कि आशीष ने किसी पिस्टल नहीं तानी थी। एक लड़का और लड़की वहां मौजूद थे, जिनसे बाद में विवाद हुआ। पिस्टल उसने कमर में खोसने के लिए उठाया था। लेकिन वह हाथ में लेकर चला गया। वीडियो को वायरल कर परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। आशीष पांडेय की तलाश में मंगलवार दोपहर बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम ने लखनऊ पहुंचकर ताबड़तोड़ छापेमारी की। हालांकि शाम तक आशीष हाथ नहीं आया। डीजीपी ओपी सिंह ने आशीष की तलाश में एसटीएफ को भी लगा दिया है। अंबेडकरनगर में भी स्थानीय पुलिस ने आशीष के दो घरों पर दबिश दी, वहां भी वह पुलिस को नहीं मिला। आशीष के पिस्टल का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। लाइसेंस अंबेडकरनगर से बना था।
जानें आशीष पांडेय के परिवार के बारे में
आशीष पांडेय पिछले एक दशक से लखनऊ में रह रहे हैं। उनके छोटे भाई रितेश पांडेय जलालपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक हैं। मंझले चाचा पवन पांडेय अकबरपुर से शिवसेना विधायक हैं, तो वहीं छोटे चाचा कृष्ण कुमार पांडेय कक्कू सुलतानपुर की इसौली विधानसभा क्षेत्र से बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं और मौजूदा समय में कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं। छोटे चाचा कृष्ण कुमार पांडेय के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनका नाम बहुचर्चित केरे सिंह हत्याकांड में आ चुका है।
पहले भी सुर्खियों में रहा है नाम
कोई पहली बार नहीं है जब आशीष पांडेय का नाम चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पहले उनका नाम तब सुर्खियों में आया था, जब उन्होंने 2016 में लखनऊ के एक होटल के सामने खड़ी मर्सिडिज को टक्कर मारी थी।
यह मामला तब का है जब लखनऊ के गोमतीनगर में एक होटल के सामने खड़ी मर्सिडिज को लगभाग दो सौ की स्पीड में आशीष की डीसीएम ने टक्कर मारी थी। तब आशीष के नशे में गाड़ी चलाने की बात सामने आई थी। हालांकि, उस घटना में एयर बैग खुल जाने से आशीष की जान बच गई थी। उस घटना के बाद यह दूसरा मामला है जब आशीष का नाम दोबारा सुर्खियों में आया है।
Updated on:
18 Oct 2018 07:37 pm
Published on:
18 Oct 2018 11:44 am
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