
लखनऊ. वो कहते हैं न कि अगर जुबान सही चले तो सब कुछ ठीक, पर अगर जरा सी फिसली तो अल्लाह खैर करें। बात भी सौ फीसदी सच है, जुबान की जरा सी बेअंदाजी किसी भी शख्स का अच्छा खासा माहौल बिगाड़ देती है। कुछ ऐसा ही हुआ था सन 1962 में अटल बिहारी वाजपेयी (Ex Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) के साथ। थोड़ी अमर्यादित बयानबाजी के कारण अटल बिहारी चुनाव हार गए थे।
अटल जी दिए थे अमर्यादित बयान
बात सन 1962 की है, देश में लोकसभा चुनाव हो रहा था। यूपी की बलरामपुर सीट (Balrampur) से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी (Ex Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) चुनाव लड़ रहे थे। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि अटल जी अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी सुभद्रा जोशी (Congress Candidate Subhadra Joshi) को लेकर अमर्यादित बयानबाजी कर दी थी।
कुछ ऐसा बोल गए थे अटल जी
सुभद्रा (Subhadra Joshi) अपने चुनाव प्रचार में अक्सर कहती थीं कि अगर उन्होंने चुनाव जीता तो साल के बारह महीने और महीने के तीसों दिन जनता की सेवा को तत्पर रहेंगी। एक दिन अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को जाने क्या सूझी कि अपनी एक सभा में सुभद्रा की इस बात को लेकर बोले कि ‘सुभद्रा जी कहती हैं कि वे महीने के तीसों दिन मतदाताओं की सेवा करेंगी। मैं पूछता हूं, कैसे करेंगी? महीने में कुछ दिन तो महिलाएं सेवा करने लायक रहती ही नहीं हैं।
अटल जी को करना पड़ा था हार का सामना
कांग्रेस की प्रत्याशी सुभद्रा जोशी (Congress Candidate Subhadra Joshi) ने अटल बिहारी के जवाब में बस इतना ही कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) द्वारा की गई इस बेइज्जती का बदला वे नहीं, उनके मतदाता लेंगे। ठीक ऐसा ही हुआ, अटल बिहारी वाजजेयी चुनाव हार गए। हालांकि इस चुनाव में उस समय के प्रसिद्ध अभिनेता बलराज साहनी ने कांग्रेस प्रत्याशी सुभद्रा जोशी के लिए चुनाव प्रचार किया था। बताया जाता है कि सुभद्रा की जीत में बलराज के प्रचार भी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
सपा नेता आजम खान भी कर चुके हैं बदजुबानी
अगर आज की राजनीति की बात की जाए तो सपा नेता आजम खान (Azam Khan) एक बड़े उदाहरण हैं। एक बार संसद (Parliament) में महिला स्पीकर को लेकर उनकी बयानबाजी उनके लिए मुसीबत का सबब बन गयी है। बताया जाता है कि ऐसे लोगों में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का नाम भी है। अटल बिहारी वाजपेयी ने एक प्रचार के दौरान अपनी महिला प्रतिद्वंदी को लेकर कुछ ऐसा बोला जिसकी कीमत उन्हें चुनाव हार कर चुकानी पड़ी थी।
लोहिया ने नेहरू को कहा था चौकीदार
बनारस (Varanasi) के काशी विद्यापीठ में पॉलिटिकल साइंस विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर सतीश राय (Satish Rai) कहते हैं कि राजनीति में नेताओं के बयानबाजी के कई मामले हैं। एक बार बड़े समाजवादी नेता डॉक्टर राम मनोहर लोहिया (Dr. Ram Manohar Lohia) ने पंडित जवाहर लाल नेहरू को चौकीदार कह दिया था। इसका जवाब जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने बड़े ही मर्यादित तरीके से दिया था। उन दिनों की राजनीति में और अब की राजनीति में बहुत फर्क है। अगर कोई नेता किसी के खिलाफ कोई गलत बयानी करता भी था तो उसके लिए माफी मांगने के लिए भी तैयार रहता था।
Updated on:
16 Aug 2021 01:35 pm
Published on:
16 Aug 2021 01:18 pm
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