
Ram Janmabhoomi Pujari Acharya Satyendra Das Death
Ayodhya Ram Janmabhoomi Pujari Acharya Satyendra Das: राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज भारतीय सनातन संस्कृति के एक प्रतिष्ठित संत थे। उनका जीवन भगवान श्रीराम की भक्ति, मंदिर की सेवा और धार्मिक आस्था के प्रति समर्पण का प्रतीक था। उनका संपूर्ण जीवन राममंदिर आंदोलन, समाज सेवा और सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में समर्पित रहा।
आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज का जन्म एक धार्मिक परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने उन्हें बचपन से ही धर्म और भक्ति के संस्कार दिए। उन्होंने वेद, पुराण, रामायण और अन्य हिंदू धर्मग्रंथों का गहन अध्ययन किया। उनकी शिक्षा काशी, अयोध्या और अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर हुई, जहाँ उन्होंने संस्कृत और शास्त्रों में निपुणता हासिल की।
आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज ने राम जन्मभूमि मंदिर में मुख्य पुजारी के रूप में अपनी सेवा दी। उनका कार्य केवल पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने मंदिर से जुड़े सभी धार्मिक अनुष्ठानों और उत्सवों को भी महत्वपूर्ण दिशा दी। उनकी भक्ति और साधना ने उन्हें पूरे भारत में श्रद्धेय बना दिया।
आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज राम मंदिर आंदोलन के एक सशक्त स्तंभ थे। जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग ज़ोर पकड़ रही थी, तब उन्होंने अपनी उपस्थिति और प्रवचनों के माध्यम से सनातन धर्म के अनुयायियों को मार्गदर्शन दिया। वे श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रहे और अपने विचारों से भक्तों को प्रेरित करते रहे।
उन्होंने विभिन्न धार्मिक मंचों से भगवान श्रीराम के आदर्शों और सनातन धर्म के मूल्यों का प्रचार किया। उनके प्रवचन और भक्ति संदेश न केवल भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते थे, बल्कि उन्हें समाज सेवा और धार्मिक कार्यों में भी प्रेरित करते थे।
आचार्य सत्येंद्र दास जी केवल मंदिर तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने गरीबों, अनाथों और जरूरतमंदों की सेवा में भी अपना योगदान दिया। वे धर्मार्थ भोजन सेवा, शिक्षा और गौसेवा में भी संलग्न रहे। उनका मानना था कि धार्मिकता का असली स्वरूप समाज की सेवा में निहित है।
आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य के साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वे इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए अत्यंत उत्साहित थे। उन्होंने इस कार्य के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था, और उनकी यह साधना अंततः पूर्णता को प्राप्त हुई।
आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज का निधन PGI में इलाज के दौरान हुआ। उनके निधन से अयोध्या और संपूर्ण हिंदू समाज में शोक की लहर दौड़ गई। वे अपनी भक्ति, सेवा और त्याग के कारण हमेशा श्रद्धेय रहेंगे।
आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज का जीवन त्याग, भक्ति और समाज सेवा का प्रतीक था। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी भगवान श्रीराम की सेवा और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगा दी। उनका योगदान राम मंदिर आंदोलन और सनातन संस्कृति के लिए अमूल्य रहेगा। वे सदैव भक्तों के हृदय में जीवित रहेंगे।
Published on:
12 Feb 2025 01:10 pm
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