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आजम खान परेशान, ईडी ने दर्ज किया एक नया केस

Azam Khan Upset रामपुर विधायक आजम खां एक बार फिर मुसीबत में पड़ने वाले हैं। 27 माह सीतापुर जेल में रहने के बाद आजम खां जमानत पर रिहा हुए हैं। पर जल निगम भर्ती घोटाले में ईडी ने आजम के खिलाफ एक और केस दर्ज कर दिया है। ईडी ने भर्ती घोटाले की जांच शुरू करते हुए जल निगम से कई बिन्दुओं पर जानकारी मांगी है।

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azam khan

आजम खान

रामपुर विधायक आजम खां एक बार फिर मुसीबत में पड़ने वाले हैं। 27 माह सीतापुर जेल में रहने के बाद आजम खां जमानत पर रिहा हुए हैं। पर जल निगम भर्ती घोटाले में ईडी ने आजम के खिलाफ एक और केस दर्ज कर दिया है। ईडी ने भर्ती घोटाले की जांच शुरू करते हुए जल निगम से कई बिन्दुओं पर जानकारी मांगी है। आजम के खिलाफ ईडी के लखनऊ जोन ने एसआईटी की चार्जशीट के आधार पर यह नया मुकदमा दर्ज किया है। आजम पर ईडी ने 2019 में पहला केस दर्ज किया था। ईडी का यह नया केस दर्ज करने से आजम की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज करने के बाद ईडी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। ईडी ने जल निगम प्रबंधन से भर्ती प्रक्रिया के वक्त जल निगम में प्रमुख पदों पर तैनात अफसरों की जानकारी मांगी है। उस वक्त आजम खान नगर विकास मंत्री होने के साथ जल निगम अध्यक्ष भी थे। इसलिए जल निगम में भर्ती को मंजूरी आजम खान ने दी थी।

पूछताछ में आजम खान ने अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया

एसआईटी जांच टीम की जब पूछताछ में आजम खान ने अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया और खुद को निर्दोष बताया था। हालांकि एसआईटी ने जांच में आजम और जल निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके आसुदानी को दोषी ठहराते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है।

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ईडी कई मामले में कर रहा जांच

ईडी पहले से ही आजम के खिलाफ जौहर विश्वविद्यालय, शत्रु संपत्तियों और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामलों की जांच कर रही है। इन मामलों में आजम के खिलाफ 2019 में ही मुकदमा दर्ज हुआ था। अब जल निगम में भर्ती घोटाले का एक और नया मामला जुड़ गया है।

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ये है मामला

सपा शासन में जल निगम में सहायक अभियंता, अवर अभियंता और लिपिकों के करीब 1342 पदों पर भर्ती हुई थी। ऐसे अभ्यर्थी जिनके नंबर कम थे उनका चयन किया गया। और अधिक नम्बर वालों को छोड़ दिया गया। इस पर अधिक नम्बर वाले अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया था। वर्ष 2016 में यह मामला सामने आया। हाईकोर्ट के आदेश पर, यूपी सरकार ने अभ्यर्थियों की शिकायत के आधार पर, जांच एसआईटी को सौंप दी थी। जांच में दोषी मिलने पर शासन ने आजम व अन्य अफसरों पर मुकदमा कायम कर विवेचना के आदेश दिए थे। विवेचना के बाद एसआईटी ने सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की है।