क्या कहते हैं जानकार केजीएमयू के ऑर्थोडॉन्टिक्स विभाग के प्रोफेसर अमित नागर ने बताया कि टेढ़े-मेढ़े और कुरूप दांतों से न केवल व्यक्ति स्वास्थ्य प्रभावित होता है। बल्कि उसकी हंसी खूबसूरती, व्यक्तित्व एवं आकर्षण पर दाग भी लग जाता है। कुछ लोग मेंटल वायर का ब्रेसलेट पहनना पसंद नहीं करते हैं। इसलिए आधुनिक तकनीक के साथ अब विभाग में अलाइना का इस्तेमाल किया जाएगा। अभी, यह तकनीक विदेश और भारत के कुछ निजी अस्पतालों में उपलब्ध है। यह प्लास्टिक के अलाइन कंप्यूटर द्वारा कस्टमाइज किए जाते हैं। दांतो को सीधा करने के लिए करीब 40 से 50 सेट बनाए जाते हैं जो व्यक्ति को हर सप्ताह बदलने पड़ते हैं।
ये भी पढ़ें: एक अप्रैल से पहले हर हाल में जमा करें टैक्स, नहीं देना पड़ेगा 12% ब्याज ये है कीमत कीमत की बात करें तो सरकारी संस्थानों में ब्रेसेज लगवाने में करीब 10 से 15 हजार का खर्च आता है। चेन्नई के एक निजी अस्पताल में अलाइन लगवाने में लगभग दो से ढाई लाख रुपए कर खर्च आता है। केजीएमयू सरकारी संस्थान है इसलिए यहां खर्च काम आएगा। इसकी कीमत केंद्र सरकार की ओर से तय की जाएगी। प्रोफेसर नागर ने बताया कि अलाइन दिखने में ज्यादा खूबसूरत होते हैं। मरीजों को इसका उपयोग पारंपरिक ब्रेसेज के मुकाबले कम समय के लिए करना पड़ता है। बिना किसी की मदद के जब चाहे दातों से हटाया जा सकता है ठीक वैसे ही जैसे वह कांटेक्ट लेंस को निकाला जाता है। यह दृश्य व किफायती होता है सबसे अच्छी बात यह है कि आप जब इसके साथ कुछ खा पी सकते हैं।