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Bhatkhande Music University Scam : भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में ₹3.31 करोड़ घोटाला: दो HOD सहित सात गिरफ्तार

CID Busts ₹3.31 Crore Scam at Bhatkhande Music University: लखनऊ के प्रसिद्ध भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में ₹3.31 करोड़ के घोटाले में CID ने बड़ी कार्रवाई की है। नृत्य विभाग के HOD ज्ञानेंद्र दत्त वाजपेयी और तालवाद्य विभाग के HOD मनोज मिश्रा समेत कुल सात आरोपियों की गिरफ्तारी कर जेल भेजा गया है। जांच अभी भी जारी है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jul 29, 2025

Bhatkhande University फोटो सोर्स : Social Media

Bhatkhande University फोटो सोर्स : Social Media

Bhatkhande Music University Crore Scam: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कारण इसकी शैक्षणिक उपलब्धियां नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये का घोटाला है। CID (क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) ने 3.31 करोड़ रुपये के घोटाले में दो विभागाध्यक्षों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर दर्ज हुई FIR और गहन जांच के बाद की गई है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में नृत्य विभाग के विभागाध्यक्ष ज्ञानेंद्र दत्त वाजपेई और तालवाद्य विभाग के एचओडी मनोज मिश्रा प्रमुख रूप से शामिल हैं। इनके अलावा CID ने निजी फर्मों के संचालक मोहम्मद शोएब, कुंदन सिंह, सुरेश सिंह, विनोद कुमार मिश्रा और जुगल किशोर वर्मा को भी हिरासत में लिया है। इन सभी पर विश्वविद्यालय में निर्माण कार्य और खरीदारी में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है।

घोटाले का पूरा मामला

यह मामला साल 2021 में सामने आया जब राज्यपाल को विश्वविद्यालय के भीतर निर्माण कार्यों और क्रय-विक्रय में अनियमितताओं की शिकायतें मिलीं। इसकी जांच पहले BOW (ब्यूरो ऑफ विजिलेंस) को सौंपी गई थी, लेकिन बाद में 18 जनवरी 2024 को जांच CID को ट्रांसफर कर दी गई। CID की गहन पड़ताल में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं।

CID ने पाया कि विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो. श्रुति सडोलिकर, आहरण-वितरण अधिकारी और अन्य प्रशासनिक कर्मियों ने निजी कंपनियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि कई फर्जी कंपनियां बनाकर सरकारी धन की हेराफेरी की गई।

चार्जशीट में नामजद कंपनियां और व्यक्ति

जिन निजी कंपनियों को संदेह के घेरे में पाया गया, उनमें शामिल हैं:

  • अंजली ट्रेडर्स
  • पुण्य एंटरप्राइजेज
  • ऊषा असोसिएट
  • इंडियन फायर सर्विस एंटरप्राइजेज
  • साईं कृपा ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन
  • एक्यूरेट इंजीनियरिंग
  • अपेक्स कूलिंग सर्विस
  • शर्मा रेफ्रिजरेशन
  • विशाल बिल्डर
  • एचए ट्रेडर्स
  • वर्मा इलेक्ट्रिकल्स
  • बीआर इंटरप्राइजेज

इन सभी फर्मों के मालिकों व संचालकों पर भी साजिश, धोखाधड़ी और सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है। CID ने इन सभी के खिलाफ भी न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है।

घोटाले का तरीका और साजिश

CID की रिपोर्ट के अनुसार, विश्वविद्यालय में निर्माण, रेफ्रिजरेशन, फायर सेफ्टी और अन्य ठेकेदार सेवाओं के लिए अनुबंधों में फर्जी बिलिंग, बिना टेंडर के नियुक्ति, और दोहरी पेमेंट जैसी अनियमितताएं की गईं। निर्माण कार्यों के लिए अनुबंधित कंपनियों ने काम अधूरा छोड़ दिया, फिर भी उन्हें पूरा भुगतान किया गया।

विभागाध्यक्षों ने अपनी स्थिति का फायदा उठाते हुए निजी कंपनियों के साथ मिलीभगत कर विश्वविद्यालय को आर्थिक नुकसान पहुंचाया। दस्तावेजों की जांच में यह भी सामने आया कि कई पेमेंट बिना प्रशासनिक स्वीकृति के किए गए और फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर किए गए।

राज्यपाल के निर्देश पर कार्रवाई तेज

भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अधीन आता है। जैसे ही उन्हें शिकायतें मिलीं, उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए। FIR दर्ज होने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए CID को जांच सौंपी गई। राज्यपाल ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

पूर्व कुलपति पर भी जांच की आंच

पिछले महीने CID ने विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. श्रुति सडोलीकर काटकर समेत कुल 12 आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की निधियों के दुरुपयोग में न केवल लापरवाही बरती बल्कि साजिशन कार्यों को भी अंजाम दिया।

आगे की कार्रवाई और संभावनाएं

CID के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह केवल शुरुआत है। जांच में अभी और कई नाम सामने आ सकते हैं और जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां भी संभव हैं। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज हो चुकी है।