
मोदी लहर में भी हार गए थे भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन, हारने के कारण का इस तरह किया खुलासा
लखनऊ. साल 2014 में जब पूरे देश में मोदी लहर पर सवार होकर भारतीय जनता पार्टी के कई ऐसे नेता भी सांसद बन गए थे जो खुद अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं थे, तो कई ऐसे भी नेता थे जिनकी जीत पक्की मानी जा रही थी, लेकिन वे हार गए। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन 2014 में बिहार की भागलपुर लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे। लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपनी हार की कहानी रोचक अंदाज में बताई तो मौजूद लोग खिलखिला उठे।
दूसरे प्रत्याशियों के प्रचार में लगी ड्यूटी
दरअसल रविवार को लखनऊ में शाहनवाज एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 13वीं, 14वीं और 15 वीं लोकसभा के वे लगातार सदस्य रहे। लोकसभा चुनाव 2014 में अपनी हार को लेकर उन्होंने दिलचस्प कारण बताया। उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में मैंने अपना लोकसभा क्षेत्र छोड़कर पार्टी के अन्य प्रत्याशियों के लिए खूब प्रचार किया। हुसैन ने कहा कि मेरी ड्यूटी नागपुर से लेकर सीवान तक कई जगह प्रत्याशियों के प्रचार में लगाई गई।
कम समय देने के कारण हुई हार
हुसैन ने साफगोई से स्वीकार किया कि अपने क्षेत्र में कम समय देने का नतीजा यह हुआ कि मैं चुनाव हार गया। उन्होंने अपनी हार को लेकर एक कहावत कही कि चौबे जी चले छब्बे बने और दूबे बनकर वापस लौटे। अपनी हार को जब उन्होंने इस दिलचस्प अंदाज में बयां किया तो मौजूद लोग मुस्कुरा उठे। इस मौके पर हुसैन ने कहा कि वे अपने समाज और समुदाय से भाजपा के अकेले सांसद रहे हैं और उन्हें बेहद कम उम्र में भारत सरकार में मंत्री बनने का मौक़ा मिला।
हार से लिया सबक
कार्यक्रम में अपने चिर परिचित अंदाज में शाहनवाज ने कहा कि उस हार से उन्होंने सबक लिया है। अब वे कहीं भी, कितने भी व्यस्त रहें, अपने क्षेत्र के लिए समय जरूर निकालते हैं। लगातार क्षेत्र के लोगों के बीच रहते हैं। हुसैन ने कहा कि पार्टी ने उन्हें प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी है, जिसे वे निभा रहे हैं। लखनऊ के पर्यटन भवन सभागार में हुसैन रामेन्द्र सिन्हा की पुस्तक कर्म योगी के विमोचन समारोह में हिस्सा लेने आये थे।
Updated on:
12 Jun 2018 04:58 pm
Published on:
11 Jun 2018 12:32 pm
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