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भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में जीतने के लिए बनाई थी यह रणनीति, ऐसे लिया उपचुनाव की हार का बदला

राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को मिली 9 सीटें, सपा की जया बच्चन को केवल 38 वोट ही मिले और बीएसपी की हार से मायावती को सबसे बड़ा झटका लगा है।

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bjp won in rajya sabha chunav 2018

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा कम्पटीशन देखने को मिला है। शुक्रवार की देर रात तक घोषित नतीजों में वित्त मंत्री अरुण जेटली , अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, विजय पाल तोमर, कांता कर्दम, अशोक वाजपेयी, हरनाथ यादव, सकलदीप राजभर और अनिल अग्रवाल ने जीत हासिल की है। सपा की जया बच्चन को केवल 38 वोट ही मिले हैं। राज्यसभा चुनाव में मायावती को सबसे बड़ा झटका लगा है। बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर बीजेपी की रणनीति के आगे बिल्कुल भी नहीं टिक पाए और समर्थन होने के बाद भी वह चुनाव हार गए। इस हार से मायावती की भी सबसे बड़ी हार हुई।

हर विधायक पर थी पैनी नजर

राज्यसभा चुनाव में सभी विधायकों पर प्रत्याशियों के लिए प्रभारी बनाए गए थे। राज्यसभा चुनाव में वरिष्ठ सदस्यों के अलावा उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर, प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह , अशोक कटारिया, विजय बहादुर पाठक और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सभी विधायकों पर नजर रखे हुए थे। वहीं सुरेश खन्ना और डॉक्टर महेंद्र सिंह को पार्टी ने मतदान केंद्र पर विधायकों के वोटों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस चुनाव में एक-एक विधायक से लगातार बात की जा रही थी। निर्दल विधायक अमनमणि को देर हुई तो मुख्यमंत्री ने उनसे फोन पर खुद पूंछा कि कहां हो और ये भी कहा कि जल्दी वोट डालिए। भाजापा की प्रथम व्यूह रचना वरिष्ठों की एक-एक विधायक पर नजर रखने के बावजूद भी भाजापा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 2 विधायकों के क्रॉस वोटिंग की खबर फैल गई।

दो विधायकों के वोट पर लगाई गई रोक

उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यसभा चुनाव में वोटिंग से कुछ घंटे पहले ही सपा के साथ-साथ बीएसपी को भी बहुत तेज झटके का सामना करना पड़ा। राज्‍यसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी के वोट को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके वोट डालने पर रोक लगा दी थी। वहीं दूसरी ओर जेल में बंद सपा विधायक हरिओम यादव को भी प्रशासन ने वोट डालने की मंजूरी नहीं दी। इस प्रकार दो विधायकों के वोट न डल पाने के कारण विपक्ष को बड़ा धक्का लगा।

बसपा के आरोप लगाने के बावजूद भी 9 सीटें जीतीं भाजपा

बसपा ने आरोप लगाया था कि नितिन अग्रवाल और अनिल सिंह ने अपने वोट ऑथराइज एजेंट को देखाकर नहीं दिए। जब इसकी शिकायत बीएसपी ने चुनाव आयोग से की तो चुनाव आयाग ने काउंटिंग रोक दी थी। बीएसपी और सपा ने चुनाव आयोग से दोनों विधायकों के वोट रद्द करने की मांग की थी। चुनाव आयोग के अगले आदेश के बाद ही मतगणना दोबारा शुरू कर दी गई। बीजेपी की रणनीति से काउं‍टिंग के दौरान चुनाव आयोग का फैसला आया और बीजेपी और बीएसपी विधायकों के 1-1 वोट रद्द कर दिए गए। वोट रद्द होने के बावजूद भी भाजपा राज्यसभा चुनाव में 9 सीटें जीत गई।