
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इसी बीच सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों व फ्रंटलाइन वर्कर को कोरोना बूस्ट डोज लगवाने के निर्देश दिए हैं। इसी का फायदा उठाकर जालसाज लोगों के खातों से पैसे उड़ा रहे हैं। राजधानी लखनऊ व उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ऐसे मामले देखने को मिला है जब साइबर अपराधियों द्वारा आपके मोबाइल फोन पर कॉल कर बूस्ट डोज लगवाने की बात कही जाती है और उसके बाद आपके खाते से पैसे गायब हो जाते हैं।
न दे किसी को ओटीपी
साइबर सेल के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस समय बूस्टर डोज स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाई जा रही है। इसका फायदा उठाकर अपराधी पहले तो व्यक्ति के मोबाइल फोन पर कॉल करते हैं उसके बाद उनसे यह बताया जाता है कि व स्वास्थ्य विभाग से बोल रहे हैं और आपको कोरोनावायरस की बूस्ट डोज लगान है फिर वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन को आवश्यक बता कर व्यक्ति से टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मांग लेते हैं। ओटीपी मिलते ही आप के खाते से पैसे साफ हो जाते हैं।
पहली बार ऐसा नहीं कर रहे अपराधी
उत्तर प्रदेश में इस तरीके का साइबर अपराध पहली बार नहीं हो रहा है इससे पहले भी कई मामले में लोगों के पास फोन कर सरकारी विभाग का कर्मचारी बताते हुए ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। अपराधी व्यक्ति से रजिस्ट्रेशन के नाम पर ओटीपी पूछते हैं। जागरूकता की कमी के चलते कई बार लोग सामने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य कर्मचारी समझ कर अपना ओटीपी दे देते हैं। जिससे अपराधियों को संबंधित व्यक्ति के खाते से पैसे निकालने में आसानी होती है।
राजधानी की अंजू को बनाया शिकार
बीते दिनों जालसाजों ने राजधानी लखनऊ के बालागंज में रहने वाली अंजू सिंह को शिकार बनाया है। अंजू सिंह को बूस्ट डोज लगवाने के नाम पर ठगों ने फोन किया और उसके बाद ओटीपी पूछ कर अंजू सिंह के खाते से ₹16000 उड़ा लिए जिसकी शिकायत अंजू सिंह ने साइबर सेल से की है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट्स का कहना है कि साइबर अपराध बहुत शातिराने तरीके से इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे में लोगों का जागरूक होना जरूरी है हम लगातार लोगों को जागरुक करते हैं कि वह किसी को भी वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) न बताएं इसके बावजूद भी लोग ओटीपी बता देते है। अभी लोगों को ओर जागरूक करने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस वैक्सीन की बूस्ट डोज लगवाने के लिए विभाग की ओर से किसी को कोई फोन नहीं किया जाता है। लाभार्थी के फोन नंबर पर मैसेज भेजा जाता है जिसके आधार पर लाभार्थी को वैक्सीन लगाई जाती है। स्वास्थ विभाग का कर्मचारी कभी भी किसी से बैंक खाता, एटीएम ओटीपी की जानकारी नहीं मांगते हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहना चाहिए और अपनी ये जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए।
Published on:
11 Jan 2022 10:30 am
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