
टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई के खिलाफ पूरे यूपी में छापेमारी की जा रही है। अभी तक पीएफआई के कई सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि, हम पूरे प्रदेश में पीएफआई के नेटवर्क को ध्वस्त कर देंगे। प्रदेश में कोई भी गैर कानूनी गतिविधि नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि निगरानी बढ़ा दी गई है। लगातार छापेमारी हो रही है। पीएफआई का नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त कर दिया जाएगा।
यूपी सहित देश में पीएफआइ पर छापेमारी
22 सितंबर को एनआइए तथा यूपी एटीएस ने प्रदेश में पीएफआइ के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। जिसके बाद मची खलबली का बड़ा असर दिखाई देने लगा है। अब इस अभियान में उत्तर प्रदेश एसटीएफ भी लग गई है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने आज पीएफआइ की सक्रियता को लेकर लखनऊ, मेरठ, बाराबंकी, सीतापुर, गाजियाबाद, मेरठ में भी छापा मारा है। यूपी एटीएस और यूपी एसटीएफ ने एक संयुक्त अभियान में राज्यभर में छापेमारी में एक दर्जन से अधिक पीएफआइ के नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया कौन है जानें
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय से इसका निर्माण हुआ। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि, इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। इसमें महिलाओं के लिए. नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।
Published on:
27 Sept 2022 02:01 pm
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