
पर्यटन और धार्मिक विरासत को मिलेगा बढ़ावा
Buddheshwar Mahadev Temple Lucknow: लखनऊ के आलमनगर स्थित ऐतिहासिक बुद्धेश्वर महादेव मंदिर का सौंदर्यीकरण और समेकित पर्यटन विकास किया जाएगा। पर्यटन विभाग ने इसके लिए 2.32 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिसमें से 1 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इस महत्वपूर्ण योजना की घोषणा करते हुए बताया कि यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत के लिए विशेष महत्व रखता है।
बुद्धेश्वर महादेव मंदिर लखनऊ के सबसे पुराने और पवित्र शिव मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना राजा बख्शी ने की थी। वर्षभर भक्तों की भीड़ यहां दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए उमड़ती है, विशेषकर महाशिवरात्रि के दिन यहां हजारों श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं।
इस मंदिर से भगवान राम के वनवास काल की एक रोचक किंवदंती जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने अपने वनवास के दौरान इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी। यही कारण है कि यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है।
सीता कुंड, जो मंदिर परिसर का एक अभिन्न हिस्सा है, को भी इस परियोजना के तहत विकसित किया जाएगा। हर सोमवार, बुधवार, शिवरात्रि, एकादशी और सावन मास में यह मंदिर श्रद्धालुओं से भरा रहता है। यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि लखनऊ के सबसे शांत और आध्यात्मिक स्थानों में से एक माना जाता है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार इस प्राचीन मंदिर की गरिमा और भव्यता को पुनर्स्थापित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस परियोजना के तहत निम्नलिखित विकास कार्य किए जाएंगे:
सरकार का लक्ष्य है कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने के लिए मंदिर परिसर को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए।
बुद्धेश्वर महादेव मंदिर के सौंदर्यीकरण से लखनऊ में धार्मिक पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को लाभ होगा, बल्कि देशभर से आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बनेगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों के विकास और पर्यटन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का एक हिस्सा है।
मंदिर परिसर के नवीनीकरण के बाद श्रद्धालु और पर्यटक आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक भव्य और दिव्य वातावरण का अनुभव कर सकेंगे। यह परियोजना उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
Published on:
19 Feb 2025 09:29 pm
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