परिवहन विभाग यह निर्णय वाहनों की तुलना में कई गुने लाइसेंस बनने की वजह से लागू किया है। परिवहन निगम का कहना है कि इस वर्तमान व्यवस्था के चलते लोग जरूरत न होने पर भी लाइसेंस बनवाते है जिससे आरटीओ का काम बढ़ता है। परिवहन आयुक्त के रविन्द्र नायक ने बताया कि अभी यूपी में बड़ी संख्या में लोग आरटीओ व एआरटीओ से जरूरत न होने के बावजूद दोपहिया व चौपहिया लाइसेंस एक साथ बनवाने की कोशिश करते हैं।