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बाइक और कार के लिए अब बनवाना पड़ेगा अलग DL

परिवहन विभाग यह निर्णय वाहनों की तुलना में कई गुने लाइसेंस बनने की वजह से लागू किया है। परिवहन निगम का कहना है कि इस वर्तमान व्यवस्था के चलते लोग जरूरत न होने पर भी लाइसेंस बनवाते है जिससे आरटीओ का काम बढ़ता है।

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Prashant Mishra

Apr 15, 2016

लखनऊ. प्रदेश में अब एक ही ड्राइविंग लाइसेंस से लोग बाइक और कार नहीं चला पाएंगे। यानी बाइक और कार का डीएल अलग-अलग बनवाना पड़ेगा। परिवहन विभाग 15 अप्रैल से नई व्यवस्था का ट्रायल करने जा रहा है। एक महीने बाद इसे स्थायी रूप से लागू कर दिया जाएगा।


जरूरत न होने पर भी लोग बनवाते है लाइसेंस

परिवहन विभाग यह निर्णय वाहनों की तुलना में कई गुने लाइसेंस बनने की वजह से लागू किया है। परिवहन निगम का कहना है कि इस वर्तमान व्यवस्था के चलते लोग जरूरत न होने पर भी लाइसेंस बनवाते है जिससे आरटीओ का काम बढ़ता है। परिवहन आयुक्त के रविन्द्र नायक ने बताया कि अभी यूपी में बड़ी संख्या में लोग आरटीओ व एआरटीओ से जरूरत न होने के बावजूद दोपहिया व चौपहिया लाइसेंस एक साथ बनवाने की कोशिश करते हैं।

उन्होंने बताया कि इस काम में दलाल भी उन्हें दोनों वाहनों के लाइसेंस एक साथ बनवाने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने बताया कि 80 फीसदी लोगों के पास चौपहिया वाहन नहीं है। इसके बावजूद वे दोनों तरह के वाहनों के लाइसेंस बनवाते हैं। बुधवार को पुरानी व्यवस्था का आखिरी दिन था। गुरुवार व शुक्रवार को अवकाश होने की वजह से नया सिस्टम शनिवार से लागू किया जाएगा। रविंद्र नायक ने बताया कि परीक्षण के तौर पर 15 अप्रैल से 15 मई तक यूपी के सभी आरटीओ व एआरटीओ दफ्तरों में दोपहिया व चौपहिया वाहनों के लर्निंग व स्थाई लाइसेंस एक साथ नहीं बनेंगे। आवेदक को या तो दोपहिया का लाइसेंस मिलेगा या फिर चौपहिया का।