
Sugar Mill Scam File Photo
मायावती सरकार में हुए 1100 करोड़ के चीनी मिल घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में योगी सरकार के बड़े अफसर सीबीआई की रडार पर हैं। यह वह अफसर हैं जो 2009 से 2012 तक बसपा सरकार में उच्च पद पर तैनात रहे थे। सीबीआई ने सरकार से जांच की मंजूरी मांगी है। माना जा रहा है कि बसपा सरकार में चीनी मिल घोटाले में इस बड़े अफसर की अहम भूमिका रही है। सीबीआई जांच में सामने आया है कि चीनी मिल खरीदने वाली कंपनियों ने इस अफसर ने ही स्टांप ड्यूटी में छूट दी गई थी। हालांकि, यह छूट किसके कहने पर दी गई थी, इन सवालों के जवाब इन बड़े अफसर से लिए जा सकते हैं।
योगी सरकार ने की थी सिफारिश
साल 2010-11 में चीनी मिल घोटाले की जांच की सिफारिश योगी सरकार ने केंद्र सरकार से की थी। नवंबर 2017 में गोमतीनगर थाने में राज्य चीनी निगम लिमिटेड ने चीनी मिलें खरीदने वाली दो फर्जी कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर््ज कराईगई थी। इन चीनी मिलों को कम कीमत में बेचने से प्रदेश सरकार को 1,179 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के छह महीने को पूरा करने के बाद एक श्वेतपत्र जारी किया था जिसमें इस घोटाले का जिक्र था। 12 अप्रैल, 2018 को राज्य सरकार ने 21 चीनी मिलों की बिक्री को लेकर हुई गड़बड़ियों की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की थी। इससे पहले राज्य चीनी निगम लिमिटेड ने चीनी मिलें खरीदने वाली दो फर्जी कंपनियों के खिलाफ नौ नवंबर 2017को गोमतीनगर थाने में एफआइआर दर्ज करवाई थी। यह रिपोर्ट सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन विंग (एसएफआईओ) की जांच के बाद दर्ज हुई थी।
2019 में दर्ज हुआ था केस
लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने 25 अप्रैल, 2015 को केस दर्ज किया था। इसमें कई के नाम सामने आए थे। सहारनपुर के सौरभ मुकुंद, इकबाल के बेटे मोहम्मद जावेद, मुंशी नसीम अहमद और मोहम्मद वाजिद के साथ दिल्ली के रोहिणी के राकेश शर्मा, सुमन शर्मा और गाजियाबाद के इंदिरापुर के धर्मेंद्र गुप्ता के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और कंपनी एक्ट 1956 के तहत मामला दर्ज किया।
मायावती के करीबी अफसरों पर छापे
बता दें कि चीनी मिल घोटाले में सीबीआई ने नौ जुलाई 2019 को माया सरकार के सबसे करीबी अफसर नेतराम, रिटायर्ड आईपीएस विनय प्रिय दुबे व पूर्व बीएसपी एमएलसी हाजी इकबाल के यहां छापेमारी हुई थी। इन छापों के बाद मार्च 2021 में ईडी ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की थी।
पूर्व आईपीएस ने कही ये बात
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मौजूदा मुख्य सचिव के विरुद्ध सीबीआई जांच के समाचार की वास्तविक स्थिति सार्वजनिक किए जाने की मांग की है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, 'डीएस मिश्रा को लेकर अत्यंत गंभीर खबरें सामने आई हैं कि उनके विरुद्ध सीबीआई ने केंद्र सरकार से चीनी मिलों को बेचने के मामले में जांच की अनुमति मांगी है। अब तक केंद्र सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मेरी और नूतन ठाकुर की यह मांग है कि राज्य सरकार इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करे। यदि यह तथ्य सही पाए जाते हैं तो उक्त आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अविलंब मुख्य सचिव को पद से हटाएं।
Updated on:
29 Jun 2022 05:56 pm
Published on:
29 Jun 2022 05:31 pm
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