
देवी को अर्पित करें उनकी पसंद का समान
बुधवार से चैत्र नवरात्री की शुरुआत हो चुकी है। शहर में चारो तरफ देवी के जयकारे से लग रहे है। पंडित शक्ति मिश्रा ने बतायाकि देवी दुर्गा के नौ रूप होते हैं। दुर्गाजी पहले स्वरूप में 'शैलपुत्री' के नाम से जानी जाती हैं। माँ शैलपुत्री नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में पैदा होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा।
माँ शैलपुत्री का ध्यान लगाने से मिलती है खुशिया
नवरात्र पूजन में पहले दिन माँ शैलपुत्री के ध्यान मंत्र, स्तुति, स्तोत्र, कवच पाठ करने से चंद्र से जुड़े सभी दोष खत्म हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि चंद्र की अनुकूलता होने से मानसिक सुख-शांति मिलती है, और अनेक प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता हैं।
माँ शैलपुत्री दिव्य मंत्र
. ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।
इस मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें। मंत्र संख्या पूर्ण होने के बाद मां दुर्गा के चरणों में अपनी मनोकामना कहे और मां से प्रार्थना करें।
नवरात्री में देवी को अर्पित करें
पंडित शक्ति मिश्रा ने बताया कि मां शैलपुत्री के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से भक्तों को आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है साथ ही उनका मन और शरीर दोनों ही निरोगी रहता है।
Published on:
22 Mar 2023 07:56 am
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