
'इनोवेशन फॉर चेंज इनोवेटिव पाठशाला' ने उजागर किया मामला
Charbagh Railway: चारबाग रेलवे स्टेशन पर 25 दिसंबर की रात एक अमानवीय घटना सामने आई। स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर सो रहे गरीब परिवारों और यात्रियों पर रेल कर्मियों द्वारा ठंडा पानी फेंक कर उन्हें उठाया गया। घटना का खुलासा तब हुआ जब 'इनोवेशन फॉर चेंज इनोवेटिव पाठशाला' नामक एनजीओ स्टेशन पर चाय बांटने के लिए पहुंचा।
25 दिसंबर की ठंडी रात में गरीब और बेघर परिवार चारबाग रेलवे स्टेशन की छत के नीचे सो रहे थे। इस दौरान प्लेटफार्म की सफाई के नाम पर रेलवे कर्मचारियों ने उन पर ठंडा पानी फेंका। लोगों को जागने पर मजबूर कर दिया गया, जबकि वे पहले ही कड़ाके की ठंड से जूझ रहे थे।
एनजीओ के सदस्य जब चाय बांटने पहुंचे, तो उन्होंने यह नजारा देखा। उनके अनुसार, यह घटना न केवल अमानवीय थी बल्कि रेलवे प्रशासन की लापरवाही और संवेदनहीनता को भी उजागर करती है।
'इनोवेशन फॉर चेंज इनोवेटिव पाठशाला' के सदस्यों ने बताया कि वे हर साल क्रिसमस की रात जरूरतमंदों को चाय और खाने का सामान बांटते हैं। जब वे स्टेशन पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि गरीब परिवार ठंड से कांपते हुए पानी में भीगे कपड़ों में बैठे थे। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सफाई के नाम पर यह हरकत की गई। एनजीओ ने इस घटना की निंदा की और अधिकारियों से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
रेलवे प्रशासन से जब इस घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब देने में टालमटोल की। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, यह घटना सफाई कर्मचारियों की ओर से की गई थी। अधिकारियों का कहना है कि प्लेटफॉर्म की सफाई नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इस तरह के व्यवहार की अनुमति नहीं दी जा सकती।
लखनऊ में कड़ाके की ठंड ने पहले ही गरीबों और बेघरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में रेलवे स्टेशन जैसे स्थान उनके लिए सुरक्षित आश्रय बनते हैं। लेकिन इस तरह की घटनाएं उनकी स्थिति को और दयनीय बना देती हैं।
यह घटना मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है। ठंड में ठंडा पानी फेंककर लोगों को उठाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह क्रूरता की पराकाष्ठा भी है। इस तरह की हरकतें समाज के सबसे कमजोर वर्गों के प्रति हमारी असंवेदनशीलता को दर्शाती हैं।
एनजीओ ने इस मामले को लेकर रेलवे प्रशासन को लिखित शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर उच्च अधिकारियों और मानवाधिकार आयोग तक ले जाएंगे।
.रेलवे स्टेशनों पर बेघरों के लिए अस्थायी आश्रय गृह बनाए जाएं।
.सफाई कर्मचारियों को संवेदनशीलता और मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए।
.ठंड के मौसम में रात्रि गश्त के दौरान ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाए।
.जरूरतमंदों को कंबल और गर्म कपड़े वितरित किए जाएं।
Updated on:
29 Dec 2024 01:20 pm
Published on:
29 Dec 2024 01:10 pm
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