
लखनऊ. टीबी की दवा की बिक्री के लिए बनाये गए सरकार के दिशा-निर्देशों से दवा व्यापारियों ने असहमति जताई है। दवा कारोबारियों का कहना है कि दवा खरीदने आया मरीज अपने बारे में विवरण आसानी से नहीं देगा और इससे कई तरह की जटिलताएं सामने आएँगी। दवा व्यापारियों ने कहा है कि डॉक्टर द्वारा लिखी हुई पर्ची को वे फोटो स्टेट के रुप में अपने पास रखते सकते हैं जिससे मरीज का विवरण हासिल हो सके क्योंकि मरीज डॉक्टर को अपना सारा विवरण आसानी से उपलब्ध करा देते हैं। यह बात उत्तर प्रदेश केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट फेडरेशन के सम्मेलन में वक्ताओं ने कही।
फेडरेशन का हुआ चुनाव
फेडरेशन के दौरान पदाधिकारियों का चुनाव भी संपन्न हुआ। कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। उन्होंने दवा कारोबारियों की समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया। मंत्री ने आश्वासन दिया कि दवा कारोबारियों के बैठक कर उनकी समस्याओं के समाधान करने की कोशिश की जाएगी। चुनाव के दौरान अध्यक्ष के रूप में दिवाकर सिंह, महामंत्री सुरेश गुप्ता और संरक्षक गिरिराज रस्तोगी चुने गए।
कई समस्याएं पर हुई चर्चा
दवा व्यापारियों के संगठन ने प्रदेश सरकार से ई-वे बिल नियम हटाने की भी मांग की है। दवा कारोबारियों ने कहा कि एफएसडीए का पोर्टल बंद होने से दवा व्यापारियों के लाइसेंस का नवीनीकरण ठप पड़ा है। नवीनीकरण की फीस रसीद न मिलने के कारण दवा निर्माता कंपनियां दवाएं नहीं दे रही हैं जिसके कारण कई गंभीर बीमारियों के मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
Published on:
02 Apr 2018 11:36 am
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