
इस परिवार के दो मासूम कैंसर की चपेट में, इलाज के लिए है मदद की दरकार
लखनऊ. जिस परिवार में आठ और दस साल के दो मासूम कैंसर जैसी बीमारी की चपेट में हों, उस परिवार के लोग किन हालातों में जिंदगी काटते होंगे, यह आसानी से समझा जा सकता है। दर्द और तड़प तब और बढ़ जाती है, जब परिवार अपने बच्चों का इलाज करा पाने में आर्थिक रूप से लाचार हो। कानपुर का एक लाचार परिवार अपने बच्चों की जिंदगी के लिए लड़ाई लड़ रहा है। एक बच्चे को ब्लड कैंसर है जबकि एक की आँखों में कैंसर हैं। जब यह परिवार बच्चों के इलाज में खुद को असमर्थ पाने लगा तो कई लोग उनकी मदद को सामने आये। हालांकि यह मदद उतनी नहीं है कि बच्चों का इलाज हो सके लेकिन उम्मीद जगी है कि अन्य लोग इस परिवार की मदद के लिए सामने आएंगे।
एक बच्चे में दुबारा ब्लड कैंसर
दरअसल कानपुर के आयुष गौतम को 2011 में ब्लड कैंसर का इलाज हुआ था। इस समय आयुष की उम्र 10 साल है। ब्लड कैंसर का इलाज पूरी तरह से हो जाने के बाद फिर से बीमारी के उभर जाने पर दुबारा इलाज शुरू हुआ। अब एक बार फिर से इलाज पर भारी भरकम खर्च आना है जिसको वहन कर पाने में परिवार सक्षम नहीं है। इसके साथ ही आयुष के छोटे भाई आर्यन की आँखों में कैंसर है जिसका इलाज होने में भी काफी रूपये खर्च होने है। फिलहाल आयुष को इलाज के लिए पीजीआई में भर्ती कराया गया है लेकिन पर्याप्त रूपये की व्यवस्था न होने के कारण इलाज में दिक्कत आ रही है। आयुष के पिता संदीप गौतम की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण इन बच्चों के इलाज में बाधा आ रही है।
संस्था ने की आर्थिक मदद
इस परिवार की मदद के लिए संकल्प सेवा समिति नाम की संस्था सामने आई है। संस्था के अध्यक्ष संतोष सिंह चौहान ने बताया कि संस्था के सदस्यों ने आर्थिक राशि जुटाकर परिवार को 51 हज़ार रूपये की मदद दी है लेकिन इतनी कम राशि से बच्चे का इलाज संभव नहीं है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सहायता कोष से भी मदद के लिए आवेदन किया गया है। कुछ अन्य लोग भी सामने आ रहे हैं। संतोष कहते हैं कि वे अपनी संस्था की मदद से बच्चे के इलाज के लिए मुहिम चलायेंगे और लोगों से मदद की अपील करेंगे। जब तक समाज के लोग आगे बढ़कर इस परिवार की मदद नहीं करेंगे तब तक इन बच्चों की जिन्दगी बचा पाना आसान नहीं होगा।
कैंसर पीडितों के लिए काम कर रहे रिजवानी राज्यपाल से मिले
एक ओर जहां कैंसर जैसी बीमारी समाज के लिए चुनौती बन रही है तो दूसरी ओर समाज में कुछ लोग कैंसर पीडितों के लिए एक उदाहरण बनकर सामने आ रहे हैं। कैंसर रोग से जूझते हुए बीमारी पर जीत हासिल करने वाले इलाहाबाद के रहने वाले 34 वर्षीय पंकज रिजवानी ने शुक्रवार को प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से राजभवन में मुलाकात की। रिजवानी इस समय कैंसर पीड़ित रोगियों की मदद कर समाज सेवा के कार्य में लगे हुए हैं। रिजवानी पिछले 14 वर्षों में लगभग 150 कैंसर पीड़ित मरीजों की मदद कर चुके हैं और उन्हें कई सम्मान भी हासिल हो चुके हैं। मुलाकात के दौरान रिजवानी को राज्यपाल ने बताया कि उन्हें भी वर्ष 1994 में कैंसर हुआ था और स्वस्थ होने के बाद आज भी कार्य कर रहे हैं।
Published on:
22 Jun 2018 08:36 pm
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