
CM yogi
लखनऊ. प्रदेश में वापस आ रहे कामगारों व श्रमिकों को यूपी में ही रोज़गार दिलाने के मकसद में योगी सरकार सफल होती नजर आ रही है। शुक्रवार को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), कॉन्फेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई), लघु उद्योग भारती और नेश्नल रियल इस्टेट डेवेलपमेंट काउंसिल (नारडेको) जैसी कंपनियों से सीएम योगी ने करार किया जिससे करीब 11.5 लाख श्रमिकों व कामगारों को रोजगार दिया जाएगा। करार के अनुसार नारडेको में 2.5 लाख, आईआईए में 5 लाख, लघु उद्योग भारती में 2 लाख और सीआईआई में 2 लाख श्रमिकों और कामगारों को रोजगार मिलेगा। अपने सरकारी आवास पर एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ एसोसियेशन) पर हस्ताक्षर करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सरकार 'हर हाथ को काम मिले' नीति पर काम कर रही है। इसके तहत ही इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सहित अन्य औद्योगिक संस्थाओं के साथ शुक्रवार को एमओयू साइन किया गया। इससे प्रदेश के 11.5 लाख लोगों को रोजगार दिलाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश वापस आ रहे हमारे कामगार व श्रमिक हमारी ताकत हैं। इनके इस्तेमाल से हम नए यूपी का निर्माण कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त सीएम योगी ने आदेश दिया है कि अन्य राज्यों में जो फंसे और श्रमिकों/कामगारों को लाने का अभियान जारी रहे। यूपी सरकार सभी श्रमिकों की निःशुल्क वापसी कराएगी। हालांकि इससे पूर्व गुरुवार को संकेत दिए गए थे कि श्रमिकों को वापस लाने की आखिरी तारीख 31 मई होगी।
कामगार/श्रमिक नए उत्तर प्रदेश का निर्माण करेंगें-
सीएम योगी ने प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को प्रदेश की ताकत बताया। उन्होंने कहा कि इस ताकत का इस्तेमाल हम नए उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्किल मैपिंग से हर हाथ को काम और हर घर में रोजगार उपलब्ध कराने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। हम लोग पहले से ही ग्रामीण क्षेत्रों की कारीगरी को प्रशिक्षण देकर टूल किट उपलब्ध कराने की कार्रवाई ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ के माध्यम से कर रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश के अंदर बड़ी संख्या में लोगों को स्वावलम्बन से जोड़ने की कार्रवाई हम लोगों ने प्रारम्भ की है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ में भी व्यापक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार गांव-गांव और घर-घर में छिपे हुए रोजगार की उन सम्भावनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य कर रही है।
और श्रमिकों की होगी निःशुल्क वापसी-
सीएम योगी ने अभी भी अन्य राज्यों में फंसे कामगारों को प्रदेश वापस लाने का अभियान जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 1400 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों, अगल-बगल के राज्यों से बसों के माध्यम से अब तक केंद्र सरकार के सहयोग से यूपी में लगभग 30 लाख कामगार/श्रमिक वापस आए हैं। प्रदेश सरकार ने पहले से यह तय किया है कि हम प्रत्येक कामगार/श्रमिक की वापसी यूपी में सकुशल करवाएंगे। प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के साथ मिलकर कामगार/श्रमिकों को निःशुल्क उत्तर प्रदेश में लाएगी। अन्य प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है कि वे यूपी वापस आने के इच्छुक सभी कामगारों/श्रमिकों की सूची हमें उपलब्ध करा दें, जिससे हम उनकी सुरक्षित वापसी करवा सकें। इसकी कोई तय समयसीमा नहीं है। जो भी होगा हम उनकी सुरक्षित, निःशुल्क व सम्मानजनक वापसी करवाएंगे।
स्किल मैपिंग रहेगी जारी-
श्रमिक कल्याण आयोग अब तक प्रदेश में 16 लाख से ज्यादा कामगारों की स्किल मैपिंग कर चुका है व बाकी बचे श्रमिकों की भी स्किल मैपिंग जारी है। सीएम योगी द्वारा श्रमिकों को प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराने की तैयार की गई योजना के तहत लौटे श्रमिकों व मजदूरों का पूरा ब्यौरा तैयार कराया जा रहा है। स्किल मैपिंग के बाद इन सभी की ट्रेनिंग शुरू होगी। इस दौरान उन्हें ट्रेनिंग भत्ता दिया जाएगा। साथ ही अब कोई भी राज्य सरकार बिना यूपी सरकार के अनुमति के यहां के श्रमिकों/कामगारों का उपयोग नहीं कर पाएगी। उनकी मांग के अनुसार यूपी सरकार खुद उन्हें मैन पावर उपलब्ध कराएगी।
Updated on:
29 May 2020 06:27 pm
Published on:
29 May 2020 04:46 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
