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New Transfer Policy : अब सीएम योगी के अनुमोदन बिना नहीं होगा किसी भी कर्मचारी का ट्रांसफर

locationलखनऊPublished: Aug 16, 2022 05:41:23 pm

New Transfer Policy अब समूह क से लेकर घ तक के किसी भी कर्मी के स्थानांतरण के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ का अनुमोदन अनिवार्य होगा। मतलब साफ है कि, अब तबादलों की बागडोर पूरी तरह से सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथ में ले ली है।

CM Yogi Adityanath

CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में अब तबादलों के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की मंजूरी अनिवार्य हो गई है। पहले प्रदेश में समूह ग तथा घ के तबादले विशेष परिस्थिति में विभागीय मंत्री, शासन से हो जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब समूह क से लेकर घ तक के किसी भी कर्मी के स्थानांतरण के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ का अनुमोदन अनिवार्य होगा। मतलब साफ है कि, अब तबादलों की बागडोर पूरी तरह से सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथ में ले ली है।
किरकिरी के बाद अलर्ट हुई सरकार

यूपी के कई विभागों में तबादले को लेकर सरकार की काफी किरकिरी हुई। अब स्थानांतरण की अवधि भी खत्म हो गई है। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने बीती 14 जून को तबादला नीति 2022.23 को मंजूरी दी थी। जिसके तहत 30 जून तक तबादले होने थे। इससे पहले सत्र 2018-19 में ट्रांसफर पॉलिसी लाई गई थी, जो तीन साल के लिए लागू की गई थी। पिछले दो साल से कोरोना के कारण नई ट्रांसफर पॉलिसी नहीं लाई गई थी। अब तक समूह ग तथा घ के तबादले विशेष परिस्थिति में विभागीय मंत्री तथा शासन से भी हो जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब समूह क से लेकर घ तक के किसी भी स्थानांतरण के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की इजाजत जरूरी है।
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मुख्यमंत्री का अनुमोदन अनिवार्य

अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अनुमति के बाद ही किसी भी कर्मचारी या अधिकारी का ट्रांसफर हो सकेगा। प्रदेश में ट्रांसफर की अवधि समाप्त होने के बाद भी पहले तो वर्ग ए तथा बी के तबादले के लिए ही मुख्यमंत्री से अनुमोदन की जरूरत पड़ती थी। इस बार तो समूह ग तथा घ के किसी भी कर्मचारी के तबादले के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अनुमोदन अनिवार्य कर दिया गया है।
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मंगलवार को शासनादेश जारी

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है। इस आदेश में कहा गया है कि, प्रदेश में स्थानांतरण की अवधि समाप्त होने के बाद किसी भी कर्मचारी के तबादले के लिए मुख्यमंत्री का अनुमोदन जरूरी होगा। माना जा रहा है कि प्रदेश के करीब 25 लाख कर्मियों पर इस आदेश का असर होगा।
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