
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के चाहे जितने दावे किये जाए लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। दूर-दराज के इलाकों की ही नहीं बल्कि राजधानी लखनऊ के स्वास्थ्य केंद्रों की हालत भी बदतर है। सोमवार को सीएमओ ने जब राजधानी के नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण किया तो कहीं ताला लगा मिला जबकि कहीं डाक्टर गायब मिले।
सीएमओ ने लगाई फटकार
सीएमओ डाक्टर जी एस बाजपेई सोमवार सुबह सबसे पहले राजाजीपुरम स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां स्वास्थ्य केंद्र पर न तो डाक्टर मिले न ही कोई अन्य कर्मचारी। स्वास्थ्य केंद्र पर बाहर से ताला लटकता मिला। यहां से सीएमओ सेवासदन नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां जो कर्मचारी उपस्थित मिले, वे ड्रेस में नहीं थे। सीएमओ ने कर्मचारियों को फटकार लगाईं और चेतावनी दी।
कर्मचारियों को चेतावनी
यहां से सीएमओ सज्जादबाग स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। इस केंद्र पर तैनात कुल 12 डाक्टरों और कर्मचारियों में से केवल दो कर्मचारी मौजूद मिले जबकि कोई डाक्टर उपस्थित नहीं मिला। सीएमओ डाक्टर जी एस बाजपेई ने बताया कि गैर हाजिर पाए गए डाक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अनुपस्थित पाए गए डाक्टरों और कर्मचारियों का वेतन काटने की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही भविष्य में दुबारा लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
वेतन काटने के आदेश
राजधानी लखनऊ में डाक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सीएमओ जनपद के कई इलाकों में अलग-अलग समय पर औचक निरीक्षक की कार्रवाई कर चुके हैं। कई बार स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ वेतन काटने और नोटिस जारी करने की कार्रवाई की गई है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की बीमारी फिलहाल दूर होती नहीं दिख रही।
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Updated on:
16 Oct 2017 06:09 pm
Published on:
16 Oct 2017 05:18 pm
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