ताकतवार होकर उभरेंगे जितिन प्रसाद कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभालने के सात महीने बाद राहुल गांधी ने पार्टी की कार्य समिति का गठन किया। जिसमें अनुभवी और युवा नेताओं का समावेश करने की कोशिश की गई, लेकिन कई ऐसे नामों को जगह नहीं मिली जो कुछ अरसा पहले तक पार्टी के दिग्गजों में शुमार किये जाते थे। पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत की ओर से जारी बयान के मुताबिक सीडब्ल्यूसी में 23 सदस्य, 18 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कार्य समिति में कई ऐसे नेताओं को जगह नहीं मिली है जो सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते हुए कार्य समिति के प्रमुख सदस्य हुआ करते थे। राहुल गांधी की टीम में युवाओं के साथ बेतहर प्रशासक और मजबूत नेताओं को मौका मिला है। जानकारों मी मानें तो यूपी से जितिन प्रसाद को लाना खास रणनीति का हिस्सा है। वह कई धड़ों में बंटी कांग्रेस को एक करने के साथ ही करीब 14 फीसदी ब्राह्मण वोटर्स को पंजे की तरफ लाने के लिए मैदान में उतरेंगे।
पांच नेताओं को मिला मौका राहुल गांधी ने जितिन और पीएल पुनिया समेत यूपी के कुल पांच नेताओं को ऑल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में शामिल किया है। मंगलवार को जारी सीडब्ल्यूडी सदस्यों की सूची से कद्दावर नेता जनार्दन द्विवेदी बाहर हो गए हैं। वहीं पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी भी सूची में जगह बनाने में नाकामयाब रहे। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह कांग्रेस के झारखंड, पूर्व सांसद पीएल पुनिया छत्तीसगढ़ और पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह उत्तराखंड के प्रभारी हैं। इन तीनों को स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष केशव चंद्र यादव को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। ऐसे में राहुल और सोनिया गांधी को भी जोड़ लिया जाए तो सीडब्ल्यूसी में यूपी से 7 सदस्य हो गए हैं।
इसलिए दी गई जगह केशव चंद्र यादव यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आरपीएन सिंह, पुनिया व अनुग्रह नारायण सिंह राज्य प्रभारी होने के नाते सीडब्ल्यूसी में शामिल किए गए हैं। सूत्रों की अगर मानें तो कांग्रेस जितिन प्रसाद को यूपी में ब्राह्मण चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहती है। कांग्रेस के एक कद्दावर नेता की अगर मानें तो वर्तमान यूपी अध्यक्ष राज बब्बर और प्रदेश प्रभारी गुलाब नबी आजाद के चलते पार्टी दो धंड़ों में बंटी है। लेकिन जितिन प्रसाद के आने से अब जुगाड़ के दम पर टिकट पाने वाले नेताओं के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती हे। उन्होंने बताया कि जितिन प्रसाद कार्यकर्ताओं की नब्ज के अनुसार ही निर्णय लेते हैं और इसी के चलते कयास लगाए जा रहे हैं कि 2019 में कांग्रेस कई लोकसभा सीटों में नए उम्मीदवारों को टिकट दे सकती है। यह टीम 2022 विधानसभा चुनाव को देख कर बनाई गई है और जितिन प्रसाद उस वक्त पार्टी के लिए तुरूप का इक्का साबित हो सकते हैं।