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EV Retrofitting: पुरानी गाड़ी को बदलें इलेक्ट्रिक गाड़ी में, न होगा पॉल्यूशन न कटेगा चालान, जानिए कैसे

अगर आपकी गाड़ी 10 से 15 साल का पुरानी होने के बावजूद बेहतर कंडीशन में है तो आपको अपनी गाड़ी को रिटायर करने की जरूरत नहीं है और ना ही इसकी जगह दूसरी गाड़ी खरीदने की ज़रूरत है। EV रेट्रोफिटिंग में पेट्रोल या डीजल से चलने वाली गाड़ियों को तकनीक के ज़रिये इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बदल दिया जाता है।

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EV Retrofitting: पुरानी गाड़ी को बदलें इलेक्ट्रिक गाड़ी में, न होगा पॉल्यूशन न कटेगा चालान

EV Retrofitting: पुरानी गाड़ी को बदलें इलेक्ट्रिक गाड़ी में, न होगा पॉल्यूशन न कटेगा चालान

EV Retrofitting: जिन वाहन मालिकों के पास 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियाँ हैं या फिर हाल-फिलहाल में उनकी गाड़ी 15 साल से ज्यादा पुरानी हो जाएगी, उन्हें आज कल बेहद चिंता सता रही है, कि वो अपनी पुरानी कबाड़ हो चुकी गाड़ियों का क्या करें। उत्तर प्रदेश में लाखों वाहन मालिकों को इसी समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। तो अब उन्हें ज्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। हम आपको एक ऐसी तरकीब बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर आप अपनी पुरानी कबाड़ हो चुकी गाड़ियों को फिर नयी तरह चला सकेंगे। साथ ही आपका चालान भी नहीं होगा। आप अपनी इन गाड़ियों का फिर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। जी हाँ आप ईवी रेट्रोफिटिंग के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके माध्यम से वाहन को जीरो पॉल्यूशन बनाया जा सकता है। इससे ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आती है और गाड़ी में गर्मी उत्पन्न नहीं होती जिसके कारण गाड़ी चलाते समय किसी भी प्रकार की वाइब्रेशन भी नहीं होती है।

EV Retrofitting क्या है?

EV रेट्रोफिटिंग में पेट्रोल या डीजल से चलने वाली गाड़ियों को तकनीक के ज़रिये इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बदल दिया जाता है। इसमें जहाँ गाड़ी के इंजन और उसके बाकी पार्ट्स को बदला जाता है वहीं इसी के साथ ही एक नया एनर्जी सिस्टम गाड़ी में लगा दिया जाता है। जिसके बाद वाहन का मौजूदा इंजन पूरे तरीके से एक नई मोटर एवं ड्राइव ट्रेन में परिवर्तित हो जाता है। हालांकि इसके बावजूद गाड़ी के बाकी पार्ट्स सामान ही रहते हैं। लेकिन ब्रेक हेडलाइट आदि पार्ट्स को बदलना या फिर इन्हें ठीक करना काफी आसान हो जाता है।

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क्या हैं इसके फायदे

इसका सबसे पहला फायदा यह है कि यह आपकी गाड़ी को पॉल्यूशन फ्री बना देता है। पेट्रोल या डीजल से चलने वाली गाड़ी की तुलना में ड्राइवट्रेन का उत्पादन करने में लागत भी कम आती है और इसके माध्यम से नॉइस पॉल्यूशन भी शून्य हो जाता है। अगर आपकी गाड़ी 10 से 15 साल का पुरानी होने के बावजूद बेहतर कंडीशन में है तो आपको अपनी गाड़ी को रिटायर करने की जरूरत नहीं है और ना ही इसकी जगह दूसरी गाड़ी खरीदने की ज़रूरत है।

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महँगा नहीं पड़ता ईवी रेट्रोफिटिंग

अगर आपको इस बात का डर है कि ये प्रक्रिया बेहद महंगी होगी तो आपको बता दें कि ये बेहद किफायती सौदा है। एक नई गाड़ी लेने या फिर किसी अन्य वाहन को खरीदने से यह आप को काफी सस्ता पड़ जाता है। क्योंकि आपके पास जो गाड़ी मौजूद है केवल आपको उसमें किट लगवाना होता है।