
UP Police
लखनऊ. Corona Update in UP- UP Police cremated Corona Infected Deceased. कोरोना (coronavirus in up) ने केवल इंसान ही नहीं बल्कि इंसानियत को भी अपनी चपेट में ले लिया है। लाखों लोगों के अपने खत्म हो रहे हैं, लेकिन कोरोना का डर उन्हें अपनों के शव को अंतिम बार देखने तक से रोक रहा है। कई जनपदों में कोरोना से मृत्यु हो जाने पर मृतकों के परिजन और पड़ोसी साथ छोड़ रहे हैं। कंधा देने तक को कोई आगे नहीं आ रहा है। अंतिम संस्कार करना तो दूर की बात है। ऐसे में इंसानियत की मिसाल बने हैं यूपी पुलिस के जवान। कोरोना के कारण जब अपने बेगाने हो गए, तो कहीं पिता तो कहीं बेटा बनकर पुलिसकर्मी आगे आ रहे हैं। मजबूर लोगों के लिए फरिश्ते बनकर वो मृतकों के शव को कंधा दे रहे हैं। गरीबों के पास धन की कमी दिखी, तो उनकी आर्थिक मदद कर रहे हैं। यहीं नहीं, चिता को आग देकर वे दूसरे के लिए उदाहरण बन रहे हैं।
अंतिम संस्कार के पैसे नहीं, पुलिस ने की मदद-
लखनऊ के थाना बजारखाला में 24 अप्रैल को एक ठेले वाले की मृत्यु होने पर थाना प्रभारी बाजार खाला को जैसे हो, परिजनों ने जानकरी दी, कि उनके पास अंतिम संस्कार के पैसे नहीं हैं, तो उन्होंने सभी को शवदाह गृह पहुंचाने के लिए वाहन का इंतजाम किया व अंतिम संस्कार के लिए पैसे भी दिए। लखनऊ के गोमती नगर में मीडिया हाउस के एक पत्रकार का अचानक निधन हो जाने पर परिजनों शुभचिंतकों व अन्य लोगों ने अंतिम संस्कार में आने से स्पष्ट मना कर दिया, तो गोमती नगर थाना के प्रभारी निरीक्षक ने अपने पुलिसकर्मियों द्वारा कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सम्मान निधि विधान से पत्रकार का अंतिम संस्कार किया। लखनऊ के रविन्द्रपल्ली में भी एक घटना सामने आई। यहां एक बुजुर्ग दंपत्ति अकेले रहता था। इनका एक बेटा कनाडा तो बेटी राजस्थान में रहती है। जानकारी होने पर पुलिस ने बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया व बुजुर्ग महिला के खाने पीने आदि की व्यवस्था भी की।
घर में काम करने वाली महिला का किया अंतिम संस्कार-
सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर में भी पुलिस ने इंसानियत व संवेदनशीलता की मिसाल पेश की है। गोरखपुर के आर्यनगर, तरंग रोड पर स्थित एक घर में महिला कई वर्षों से काम करती थी। बीते दिनों उसकी तबायत ज्यादा बिगड़ी तो घरवालों ने उसे नजदीकी अस्पताल में दाखिल कराया, जहां उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शनिवार सुबह उसका निधन हो गया। मृतक की बेटी दिल्ली में रहती हैं और यहां किसी भी अपने ने उसका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। इसकी जानकारी जब घर में रहने वाली गरिमा ने पुलिस को ट्वीट कर दी, तो सीएम के निर्देश पर महज एक घंटे में पुलिस मदद के लिए खड़ी हो गई। पुलिस ने मृतका का अपना समझ उसका अंतिम संस्कार कराया। साथ ही पूरे घर को सेनिटाइज करने की व्यवस्था भी की।
पुलिस कंधों पर लकड़ियां ढोकर सजाई चिता-
नोएडा के सेक्टर-19 में पुलिस ने मानवीय चेहरे देखने को मिला। यहां घर में 52 साल के एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई। पड़ोसियों ने मदद की बजाए घर छोड़कर भागने का फैसला किया। शव कई घंटे घर में पड़ा रहा। सेक्टर-20 कोतवाली की पुलिस को जानकारी हुई। पता चला मृतक की बेटी व मां के पास अंतिम संस्कार कराने तक के पैसे नहीं थे। ऐसे में पुलिस मदद को आगे। खुद कंधों पर लकड़ियां ढोकर चिता सजाई। अंत में मृतक की बेटी ने चिता को मुखाग्नि दी। मुरादाबाद में भी एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई। हैरान की बात यह थी लोग को मौजूद थे, लेकिन अर्थी को चौथा कंधा देने के लिए कोई आगे नहीं आया। ऐसे में एक सिपाही ने खुद आगे आकर कंधा दिया।
परिजनों ने शव लेने से किया इंकार, तो पुलिस आई मदद को-
जौनपुर की वो तस्वीर तो सभी को याद ही होगी, जिसमें एक बुजुर्ग अकेले ही पत्नी का शव साइकिल पर रखकर शवदाह गृह की ओर चल पड़ा था। दरअसल गांव वालों ने उसकी पत्नी का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। पुलिस ने बुजुर्ग की स्थिति देखी, तो वह मदद को आगे आए और शव को साइकिल से उतारकर पूरे विधि विधान से दाह संस्कार कराया। एटा के गांव सिंहपुर में तो परिजनों ने कोविड संक्रमित युवक का शव तक लेने से इंकार कर दिया। इसपर बागवाला थाना प्रभारी ने उसका अंतिम संस्कार करवाया।
Updated on:
01 May 2021 08:10 pm
Published on:
01 May 2021 05:45 pm
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