
Symbolic Photo of Maiden Cough Syrup Banned in UP
अफ्रीकी देश गांबिया में मेडेन फार्मा के बनाए हुए 4 कफ सीरप पीने से 66 बच्चों की मृत्यु होने से पूरी दुनिया में इस समय बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है। अफ्रीकी देश में भारतीय कंपनी की बनाई सीरप पीने से बच्चों की मृत्यु के बाद विश्व स्वस्थ्य संगठन ने इस सीरप के नमूनों की जांच कराई थी। जिसमें केमिकल व अन्य पदार्थों की मात्रा सही नहीं थी, जिससे बच्चे बीमार पड़े और उनकी मृत्यु हो गई। इसी रिपोर्ट के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल टीमों को इसकी जांच और इस्तेमाल पर तत्काल रोकने में लगा दिया है।
मेडेन फार्मा भारत के हरियाणा और दिल्ली से संचालित होती है, जो कि, सिर्फ विदेशों में इसे बेचती है। फिर भी एडवांस तैयारी के तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी 75 जिलों में ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देश जारी करते हुए तत्काल जांच करने का निर्देश दिया है। जिससे इसे रोका जा सके।
आखिर भारत से संचालित होने वाली ये कंपनी किसकी है, जब केमिकल का प्रयोग सही मात्र में नहीं किया गया तो उसकी बनाई दवाई को मार्केट में कैसे भेज दिया गया? इन्हें स्वीकृति देने वाले विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर अब ये एक बड़ा सवाल है।
FSDA कर रहा जिलों में जांच
उत्तर प्रदेश में एफएसडीए की ओर से ड्रग इंस्पेक्टर को इसकी बिक्री और प्रयोग पर ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं. जिसमें एहतियात के तौर पर सभी क्षेत्रों में इसकी जांच कराई जा रही है जिससे यदि कहीं भी कोई अनाधिकृत बिक्री भी करता है तो उस पर रोक लगाई जा सके।
मेडेन फार्मा के सीरप में क्या खराबी है?
डबल्यूएचओ की ओर से भारतीय कंपनी मेडेन फार्मा प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकाफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप - ने डायथाइलीन ग्लाइकाल और एथिलीन ग्लाइकाल की अधिक मात्रा की पुष्टि की थी, जो विषाक्त हो सकता है और गुर्दे पर चोट का कारण बन सकता है।
Updated on:
07 Oct 2022 02:38 pm
Published on:
07 Oct 2022 02:17 pm
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