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शवदाह गृह में बनाई गई टीन शीट की दीवार, बड़ी संख्या में जलती चिताओं के वायरल वीडियो के बाद उठाया कदम

- कोरोना (coronavirus in up) के कारण लखनऊ के अस्पतालों से लेकर कब्रिस्तान, श्मशान घाट तक में वेटिंग है।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Apr 15, 2021

Bhaisakund

Bhaisakund

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

लखनऊ. कोरोना से उत्तर प्रदेश (corornavirus in up) में हाहाकार मचा हुआ है। खासतौर पर राजधानी लखनऊ में जहां स्थिति बद से बदतर हो गई है। अस्पताल से लेकर कब्रिस्तान, श्मशान घाट तक में वेटिंग है। इस बीच शवदाह गृह का बुधवार से एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि यह लखनऊ के भैसाकुंड में शवदाह गृह का वीडियो है। वीडियो में कई शव एक साथ जलते नजर आ रहे हैं। जो प्रतिदिन काल के गाल में समा रहे मरीजों के आंकड़े की सच्चाई बयां करता है। आज इसी शवदाह ग्रह को टीन शीट की दीवार बनाकर प्रशासन द्वारा छुपा दिया गया।

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कल से वायरल हो रहा वीडियो-

लखनऊ शवदाह गृह में चिताओं के जलते वीडियो व मौत की संख्या की रिपोर्ट में अनियमितताओं ने राजधानी लखनऊ के अधिकारियों को हरकत में ला दिया है और उन्होंने नीले टीन शीट की चादर से उन्हें ढकने की कोशिश की है। यह कदम बैकुंठ धाम में बड़ी संख्या में जलती हुई चिताओं के एक वीडियो के वायरल होने के एक दिन बाद उठाया गया है। चादरों के साथ, श्मशान के बाहर एक नए नोटिस भी लगाया गया है कि जिसमें लिखा है कि अनधिकृत लोगों को अब यहां प्रवेश करने की अनुमति नहीं है क्योंकि यह कोरोना प्रभावित क्षेत्र है।

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एकाएक बढ़ रहे मामले-

लखनऊ में कोविद मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ, श्मशान और कब्रिस्तान में पिछले कुछ दिनों के दौरान सामान्य से अधिक शव लाए जा रहे हैं। शहर श्मशान के प्रभारी राम नगीना त्रिपाठी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में शवो की संख्या बढ़ी है। आमतौर पर, भैंसाकुंड में 10 से 15 शवों का पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार किया जाता है और लगभग 5 से 10 शवों का अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह में किया जाता है। वहीं गुलालघाट में, आमतौर पर 7 से 10 शवों का पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार किया जाता है और 4 से 6 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। लेकिन अचानक, इन शवों की संख्या पिछले शुक्रवार से दोगुनी हो गई है। रविवार को, 42 शवों को भैंसाकुंड और 27 को गुलालघाट लाया गया, जबकि सोमवार को भैंसाकुंड में 57 और गुलालघाट में 29 शव मिले। त्रिपाठी ने कहा कि मंगलवार को अपराह्न 3.30 बजे तक, 57 शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया, 38 भैंसाकुंड में और 19 को गुलालघाट में।