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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ के विकास के लिए सेना के साथ खत्म कराएंगे विवाद, कम से कम छह बड़े प्रोजेक्ट होंगे शुरू

- सेना (Indian Army) के साथ जमीन पर स्वामित्व विवाद को खत्म कराएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) - जमीन विवाद की वजह से अटके प्रोजेक्टों की सूची तैयार, राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के सामने होगी पेश - एलडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी के प्रोजेक्टों को किया गया शामिल

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

Jul 15, 2019

Defence minister Rajnath Singh solve land dispute with Army

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ के विकास के लिए सेना के साथ खत्म कराएंगे विवाद, कम से कम छह बड़े प्रोजेक्ट होंगे शुरू

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सेना (Indian Army) के साथ जमीन पर स्वामित्व विवाद को खत्म कराने का प्रयास खुद रक्षा मंत्रीराजनाथ सिंह (Rajnath Singh) करा रहे हैं। उन्होंने खुद पहल करके ऐसा प्रोजेक्टों की सूची मांगी है, जो सेना की आपत्ति की वजह से अटके हुए हैं। इसमें प्रमुख रूप से नेहरू एंक्लेव के आसपास की जमीनें शामिल हैं। वहीं रायबरेली रोड के चौड़ीकरण के काम को भी इसमें शामिल किया गया है।


अटके प्रोजेक्टों की सूची तैयार

सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि पूरे लखनऊ में सेना के साथ जमीन विवाद की वजह से अटके प्रोजेक्टों की सूची तैयार कर ली गई है। इसमें एलडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी के प्रोजेक्टों को शामिल किया गया है। सभी प्रोजेक्टों की जमीनों के विवाद का ब्योरा अब सेना प्रमुख को दिया जा रहा है। जिससे कि उनका समाधान सक्षम स्तर से निकाला जा सके। खुद रक्षा मंत्री इसके लिए होने वाली बैठकों की नियमित रूप से निगरानी करेंगे। उन्होंने खुद इन विवादों की सूची मांगी है।

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दूर होगा पानी का संकट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) की पहल के बाद अगर नेहरू एंक्लेव के पीछे की जमीन का हल निकल सका तो जुगौली के लोगों का पानी का संकट खत्म हो जाएगा। यहां ट्यूबवेल या हैंडपंप लगाने के काम को हर बार सेना रोक देती है। वहीं एलडीए और निगम नगर निगम दोनों को लोहिया पथ पर बड़ी जमीन मिल जाएगी। इसका उपयोग नई आवास योजना लाने में होगा।

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आवाजाही होगी आसान

पीडब्ल्यूडी के रेट रायबरेली रोड और पिपराघाट से आगे सड़क सुधार के काम होने से वाहनों की आवाजाही आसान हो जाएगी। इससे लोगों को ही फायदा मिलेगा। अभी सेना की अनापत्ति नहीं मिलने से यहां कोई भी काम पीडब्ल्यूडी विभाग नहीं करा पा रहा है।


आवंटियों को मिलेंगे भूखंड

एलडीए की मानसरोवर योजना और इससे सटी ट्रांसपोर्ट नगर योजना में सेना की जमीन की वजह से विवाद बना हुआ है। इससे 100 से अधिक आवंटियों को पिछले 12 साल से उनके भूखंड नहीं मिल पा रहे हैं। एलडीए ने इस जमीन को खरीदने का प्रस्ताव रक्षा संपदा विभाग को दिया है। इस पर फैसला होने से सभी आवंटियों को भूखंड मिल जाएंगे।


पूरे यूपी में सेना से निपटेगा विवाद

सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की मौजूदगी में सेना के साथ एक बैठक हुई थी। इसमें सुल्तानपुर जिले में करीब 250 एकड़ जमीन देने पर सहमति बनी थी। यह जमीन 30-30 साल के लिए लीज पर सेना को दी जानी है। यह जमीन वन विभाग की संपत्ति है। ऐसे में इसे लीज पर 5 साल तक देने के लिए राज्य सरकार के पास अधिकार है। इससे अधिक समय के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति जरूरी होती है। उसके लिए भी प्रयास दिल्ली में किया जाएगा। इस अनापत्ति के मिलते ही लखनऊ ही नहीं पूरे यूपी में सेना के साथ जमीन विवाद निपट जाएंगे।

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इन प्रोजेक्टों में अटका काम

- नेहरू एंक्लेव योजना, एलडीए
- आवासीय योजना, नगर निगम
- तेलीबाग पर रायबरेली रोड चौड़ीकरण, पीडब्ल्यूडी
- छावनी क्षेत्र के अंदर रायबरेली रोड का चौड़ीकरण, पीडब्ल्यूडी
- पिपराघाट पुल से आगे सड़क का चौड़ीकरण, पीडब्ल्यूडी
- मानसरोवर योजना, एलडीए।