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Driving License बनवाना हुआ बेहद आसान, अब नहीं देना होगा टेस्ट, जानें क्या है नया नियम

Driving License बनवाने के लिए अब ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) देने की प्रक्रिया से भी छुटकारा मिल जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और हाइवे मंत्रालय नये नियमों को लागू कर दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही ये नियम सभी जगह लागू हो जाएगा। जिसके बाद लोगों को रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) के चक्कर काटने और लंबे इंतजार से मुक्ति मिल जाएगी।

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लखनऊ

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lokesh verma

Dec 27, 2021

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Driving License बनवाना अब बेहद आसान होने वाला है। ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया जहां ऑनलाइन हो चुकी है, वहीं अब ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) देने की प्रक्रिया से भी छुटकारा मिल जाएगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया है। जिसके तहत डीएल बनवाने के लिए टेस्ट देने की भी आवश्कता नहीं पड़ेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और हाइवे मंत्रालय नये नियमों को नोटिफाई करते हुए लागू कर दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही ये नियम सभी जगह लागू हो जाएगा। जिसके बाद लोगों को रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) के चक्कर काटने और लंबे इंतजार से मुक्ति मिल जाएगी।

Driving License बनवाने के लिए अक्सर लोग आरटीओ पहुंचते हैं, लेकिन वहां लोगों की भीड़-भाड़ देखकर शार्टकट रास्ता चुनते हुए दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं। दलाल जब उन्हें बिना किसी परेशानी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की बात करते हैं तो लोग मोटी रकम देकर भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को तैयार हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश की बात करें तो जब से ऑनलाइन डीएल बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है। दलालों की दुकानें बंद होने लगी हैं। हालांकि यूपी में अभी डीएल बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता है। केंद्र सरकार के नियमों को अगर जल्द ही अमलीजामा पहना दिया गया तो लोगों को इस परेशानी से भी छुटकारा मिल जाएगा।

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No Need of Driving Test

केंद्र सरकार के नए नियम के अनुसार, आवेदक को पहले डीएल के लिए मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद आवेदक को ड्राइविंग ट्रेनिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं, पर ड्राइविंग टेस्ट पास कर एक सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा, जिसको दिखाकर आप आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकते हैं।

पढ़ना होगा चार हफ्तों का सिलेबस

नए नियम के तहत सरकार की ओर से एक पाठ्यक्रम तय है। हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए सिलेबस की अवधि चार हफ्ते है। सिलेबस को थ्योरी और प्रयोगात्मक दो हिस्सों में बांटा गया है। इसके साथ ही हल्के वाहनों के ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के पास एक एकड़ जमीन का होना आवश्यक है। जबकि मध्यम या भारी वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर के लिए दो एकड़ भूमि होना अनिवार्य है। इसके बाद ही अधिकृत एजेंसी से ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की अनुमति मिल सकेगी। इसके साथ सेंटर में कार्यरत ट्रेनर के पास पांच साल का ड्राइविंग अनुभव और कम से कम 12वीं पास होना अनिवार्य है।

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