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ईडी अधिकारी ने रिटायरमेंट के लिए किया आवेदन, बीजेपी से चुनाव लड़ने के कयास तेज

ED Officer Rajeshwar Singh Retirement Likely to Join BJP- राजधानी लखनऊ में ईडी जोनल कार्यालय में संयुक्त निदेशक के रूप में तैनात राजेश्वर सिंह ने सेवा सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है। उनके इस कदम से चर्चा तेज है कि रिटायरमेंट के बाद वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

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ED Officer Rajeshwar Singh Retirement Likely to Join BJP

ED Officer Rajeshwar Singh Retirement Likely to Join BJP

लखनऊ. ED Officer Rajeshwar Singh Retirement Likely to Join BJP. राजधानी लखनऊ में ईडी जोनल कार्यालय में संयुक्त निदेशक के रूप में तैनात राजेश्वर सिंह ने सेवा सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है। उनके इस कदम से चर्चा तेज है कि रिटायरमेंट के बाद वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, अभी उनका आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ है। राजेश्वर सिंह वर्तमान में लखनऊ में ईडी के जोनल कार्यालय में संयुक्त निदेशक के रूप में तैनात हैं। बीटेक और पुलिस, मानवाधिकार व सामाजिक न्याय में पीएचडी कर चुके राजेश्वर सिंह 2009 में उत्तर प्रदेश से प्रतिनियुक्ति पर ईडी से जुड़े। उत्तर प्रदेश में वह राज्य पुलिस सेवा अधिकारी के रूप में कार्यरत थे।

2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच

मूल रूप से सुल्तानपुर निवासी राजेश्वर सिंह को 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल किया गया था। उन्होंने कई बड़े मामलों में जांच में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ धनशोधन की जांच समेत कुछ महत्वपूर्ण अभियोजन का नेतृत्व किया था। इसके साथ ही उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामला में भी जांच में अहम भूमिका निभाई है।

कथित अनियमितताओं के लगे कई आरोप

राजेश्वर सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। उनके खिलाफ कुछ कथित अनियमितताओं के आरोपों की ईडी, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) द्वारा जांच की गई थी, और अदालत को एक रिपोर्ट भेजी गई थी जिसमें कहा गया था कि आरोपों में कोई दम नहीं था और इसलिए जांच बंद कर दी गई।

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