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जब से की नौकरी तब से आज तक का इनकम टैक्स रिटर्न भी दिखाना होगा
लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने खनन घोटाले के मामले में आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला समेत करीब एक दर्जन लोगों को तबल किया है। यूपी में हुए हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के खनन घोटाले में बड़े अफसरों समेत कई बड़े नेता भी फंसते दिख रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक इसकी आंच आ सकती है। सपा सरकार के मंत्री ज्ञायत्री प्रजापित और बसपा सरकार के मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा इसी आरोप में जेल में हैं। अब ताजा जांच के आरोपियों को 24 जनवरी को ईडी के सामने पेश होना हेागा। जांच के दायरे में आए अधिकारियों और विधायकों से उनकी आय के स्रोत और इनकम टैक्स की डिटेल मांगी जाएगी। इसके अलावा ईडी 50-50 सवाल तैयार कर रहा है, जिनके जवाब इनको देने होंगे। इसमें सबसे अहम सवाल होगा कि ये पैसा कैसे कमाया और उसे कहां कहां लगाया।
नौकरी की शुरूआत से अब तक के इनकम टैक्स रिटर्न मांगे गए
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने वर्ष 2012 से 2016 के बीच यूपी में हुए अवैध खनन घोटाले में मनी ट्रेल तलाशना शुरू कर दिया है। बी. चंद्रकला समेत सभी आरोपितों से उनके इनकम टैक्स रिटर्न तलब किए गए हैं। आईएएस बी. चंद्रकला और अन्य सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को नौकरी शुरू करने से लेकर अब तक के इनकम टैक्स रिटर्न ईडी के सामने देने होंगे। जॉइनिंग से लेकर अब तक के आईटीआर देने होंगे। ईडी आरोपितों से पूछताछ के लिए सवालों की सूची तैयार होगी।
घोटालेबाजों के रिश्तेदारों से भी होगी पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय के सतर्कता शाखा ने आईएएस बी.चंद्रकला समेत सभी 11 आरोपितों की संपत्तियों का पता तकरीबन लगा लिया है। बाकी डिटेल जुटाए जा रहे हैं। रिटर्न में घोषित की गई संपत्तियों समेत उन बेनामी संपत्तियों का भी पता लगाया जा रहा है जो रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई हैं। रिश्तेदारों से भी ईडी पूछताछ करेगी।
अखिलेश यादव की भूमिका भी पता करेगा ईडी
ईडी ने सीबीआई से उन 13 पट्टों से जुड़े दस्तावेज भी हासिल कर लिए हैं, जो पूर्व सीएम और खनन मंत्री रहे अखिलेश यादव और गायत्री प्रजापति के कहने पर दिए गए थे। इसके अलावा उन आवेदकों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है, जिन्होंने पट्टों के लिए आवेदन किया था।
ईडी 24 से शुरू कर सकती है पूछताछ
ईडी सभी आरोपितों के लिहाज से अपने सवाल तैयार कर रही है। वर्ष 2012 के बाद से आरोपितों ने कहां-कहां कितनी संपत्तियां खरीदीं, कितनी विदेश यात्राएं की, कितना सोना व अन्य सामान, गाडिय़ां खरीदीं। अवैध खनन से हुई कमाई को कहां निवेश किया गया जैसे सवाल पूछेगी। पूछताछ 24 से शुरू हो सकती है। अब देखने की बात होगी कि ईडी की जांच में कौन कौन फंसता है और कौन बाहर निकल पाता है।
न्यायालय को खुद लेना पड़ा संज्ञान
वर्ष 2008 में अवैध खनन को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया और अवैध खनन प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए। हाई कोर्ट ने इसके लिए सरकार से कहा कि वह निगरानी कमेटी बनाए। पर अवैध खनन करने वाले माफियाओं पर सरकार नकेल नहीं कस सकी। हमीरपुर में अवैध खनन को लेकर विजय द्विवेदी ने याचिका दायर की थी। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें व याचिका पर सुनवाई करते हुये हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
Published on:
21 Jan 2019 03:27 pm
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