प्रयागराज और कानपुर में जनजीवन सामान्य रहा और शहर सामान्य गति से चले। हाईवे पर भी यातायात सामान्य रहा। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसानों द्वारा केवल यूपी-दिल्ली सीमा से लगे जिलों में नाकेबंदी की गई थी और राज्य में कहीं और से भारत बंद के आह्वान के किसी भी प्रभाव की कोई रिपोर्ट नहीं थी। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुलाए गए भारत बंद का असर वेस्ट यूपी में देखने को मिला। किसानों ने गाजियाबाद से लेकर मुजफ्फरनगर तक दिल्ली-देहरादून हाईवे पर जगह-जगह यातायात जाम कर दिया। गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत और शामली में किसान अपने वाहनों को सड़क पर खड़े कर धरने पर बैठ गए। जबकि नोएडा में पुलिस के बैरिकेडिंग तोड़ते हुए किसान प्राधिकरण कार्यालय पहुंच गए और जमकर प्रदर्शन किया।
सपा-बसपा और कांग्रेस का समर्थन(Opposition supports Bharat Band in UP) किसानों के बंद को सपा-बसपा और कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया। भारत बंद को देखते हुए दिल्ली से लगी गाजियाबाद और नोएडा की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। वाहनों की जांच के चलते प्रमुख मार्गों पर यातायात प्रभावित रहा। गाजियाबाद पुलिस ने पहले से ही गाजियाबाद और निजामुद्दीन को जोडऩे वाले नेशनल हाईवे को बंद कर दिया था। वहीं नोएडा से दिल्ली को जोडऩे वाले डीएनडी पर वाहनों को कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। शाम चार बजे तक वेस्ट यूपी में हालात बेकाबू रहे।
हमने कुछ भी सील नहीं किया:राकेश टिकैत(Rakesh Ticait’s statement)
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एंबुलेंस, डॉक्टर या इमर्जेंसी सेवाओं के लिए कोई रोक नहीं थी। हमने कुछ भी सील नहीं किया। भारत बंद आंदोलन का हिस्सा था।