लखनऊ. प्रदेश में जब किसी पद के विज्ञापन निकलता है तो बेरोजगारों की लंबी लाइनें बताती हैं कि प्रदेश में बेरोजगारी किस कदर हावी है। यूपी में बेरोजगारी का आलम यह है कि पीएचडी, एमबीए, बीटेक, पॉलीटेक्निक पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रेजुएट डिग्रीधारी भी चपरासी और सफाईकर्मी बनने को तैयार हैं। फिलहाल तो सफाईकर्मी की भर्ती पर तो रोक चल रही है लेकिन कुछ दिन पहले जब विधान सभा सचिवालय में चपरासी के 368 पदों के लिए वैकेंसी निकली थीं, तब 23.25 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जिसमें अधिकाश उच्च डिग्री धारक अभ्यर्थी शामिल थे।