आज के समय में स्मार्टफोन काफी आम हो गए हैं और ऐसे में लोगों को शिकार बनाने के लिए साइबर क्रिमिनल्स की संख्या में भी बढ़ोतरी हो गई है। अब स्मार्टफोन के ऐप्स के जरिए उन सभी कार्यों को आसानी से किया जा सकता है, जिन्हें करने के बारे में कभी सोचना भी मुश्किल था। ऐप फायदेमंद होने के साथ-साथ नुकसानदायक भी साबित हो सकते हैं। लखनऊ के इंदिरनगर की प्रीति अरोड़ा खाना ऑर्डर करने से लिए एक लोकल एप्प डाउन किया। दो सौ रुपए का भोजन आर्डर किया और अपने बैंक खाते से 20 हजार गवां दिए। प्रीति की ही तरह तमाम लोग कपड़ों की खरीदारी, बैंकिंग लेनदेन और डिजिटल पेमेंट के लिए कई तरह के ऐप को बिना जाने समझे डाउनलोड कर लेते हैं। और जाने अनजाने इन एप्प के जरिए साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। निजी डाटा चोरी होने के साथ-साथ बैंक में मौजूद पैसा भी चोरी हो जाता है।
ऐसे में कुछ सावधानियों को बरतकर अपने निजी डाटा और बैंक खातों को सुरक्षित रख सकते हैं। बस अपने फोन में कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच पड़ताल करनी होगी।
बैटरी पर प्रभाव अगर फोन में कोई नई ऐप डाउनलोड किया है तो उसके बाद फोन की बैटरी तेजी के साथ खत्म हो रही है तो यह एप्प फोन के लिए सही नहीं है। अगर बैटरी ज्यादा तेजी से बार-बार कम होने लग रही है तो ऐसे में संभावना है कि फोन में वायरस आ गया है। ऐसे में उस ऐप को तुरंत अपने फ़ोन से अनइंस्टाल कर दें।
ऐप स्टोर पर देखें ऐप की रेटिंग अगर कोई भी ऐप गूगल प्ले स्टोर या किसी अन्य ऐप स्टोर से डाउनलोड कर रहे हैं तो उस दौरान यह जरूर देखना चाहिए कि ऐप को कितनी बार डाउनलोड किया गया है। गूगल प्ले स्टोर या अन्य ऐप स्टोर से डाउनलोड करने वाले यूजर्स वहां पर अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हैं, जिससे ऐप की रेटिंग तय होती है। इसको देखने के बाद ही किसी ऐप को डाउनलोड कीजिए।
मिलते जुलते नाम से बने फर्जी ऐप से सावधान जब भी कोई एप्प गूगल प्ले स्टोर या किसी अन्य ऐप स्टोर से डाउनलोड कर रहे हैं तो उसमें यह ध्यान देना चाहिए कि उस ऐप के नाम और जानकारियों की स्पेलिंग में कुछ गड़बड़ तो नहीं है। अगर ऐसा लगता है तो वह ऐप डाउनलोड नहीं करनी चाहिए। ऐसे में वह ऐप फेक होने की संभावना है। इस प्रकार की ऐप डाउनलोड करने से निजी डाटा चोरी हो सकता है और बैंक अकाउंट का पैसा भी निकाला जा सकता है।