
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लखनऊ यूनिवर्सिटी (lucknow university) में एक बार फिर छात्रों ने जोरदार हंगामा किया है। इसकी वजह खुद यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर रविकांत (professor ravi kant) हैं। दरअसल, ABVP से जुड़े बताये जा रहे छात्रों का आरोप है कि प्रोफेसर ने एक टीवी डिबेट में काशी विश्वनाथ को लेकर और हिंदू धर्म के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है। जिससे हिंदू धर्म को चोट पहुंची है। छात्रों ने प्रोफेसर के खिलाफ हंगामा कर उनकी बर्खास्तगी की मांग की। साथ ही मामले में हसनगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
छात्रों ने प्रोफेसर को वामपंथी मानसिकता वाला बताया
लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी के एक छात्र नेता के मुताबिक, "उनकी (रविकांत) की वामपंथी मानसिकता है और यह एक बीमारी है। उन्होंने अपनी पोस्ट का इस्तेमाल हिंदू परंपराओं पर कमेंट के लिए। काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में कमेंट किया। यह कैसी मानसिकता है जो समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रही है।" एक अन्य एबीवीपी नेता प्रणव कांत सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रोफेसर को हटाया जाए। उधर, हंगामा बढ़ता देख लखनऊ पुलिस और विवि प्रशासन ने दखल देते हुए प्रदर्शनकारियों और प्रोफेसर को अलग-अलग किया। बाद में अधिकारियों ने प्रोफेसर और एबीवीपी की स्टूडेंट्स से बात भी की।
डिबेट के दौरान की थी अभद्र टिप्पणी
बता दें, कि यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग प्रोफेसर रविकांत चंदन यू-ट्यूब पर एक सोशल डिबेट में अपनी बात रख रहे थे। वहीं डिबेट के दौरान रविकांत ने आंध्र प्रदेश के स्वाधीनता सेनानी और राजनेता पट्टाभि सीतारमैया की बुक "Feathers and Stones" के हवाले से एक कहानी का जिक्र करते हुए बताया था कि मुगल शासक औरंगजेब द्वारा वााराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर को क्यों ध्वस्त किया गया था। वहीं एबीवीपी के छात्रों की मानें तो प्रोफेसर ने बनारस के जनवापी मस्जिद मामले पर अभद्र टिप्पणी की है, जिसका हवाला एक किताब से दिया है। हालांकि इस किताब की कोई जानकारी नहीं है कि ये सही है या गलत।
प्रशासन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
उधर, इस पूरे मामले पर लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रोफेसर राकेश द्विवेदी का कहना है कि शिक्षक के बयान पर छात्रों ने प्रोटेस्ट किया है। विद्यार्थी परिषद के छात्रों और अन्य छात्र छात्राओं ने नाराजगी जताते हुए प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखित रूप से पत्र दिया है। इसे आगे की कार्रवाई के लिए कुलपति महोदय को सौपेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रोफेसर ने इस घटना को लेकर अपना खेद व्यक्त करते हुए मांफी मांग ली है। फिलहाल मामले में प्रशासन ने जांच करने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
Published on:
11 May 2022 02:12 pm
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