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केजीएमयू में खुलेगा यूपी का पहला पहला स्पोर्ट्स मेडिसिन सेंटर, शुरू होंगे एमडी और पीजी के नए कोर्स

उत्तर प्रदेश में पहला स्पोर्ट्स मेडिसिन सेंटर लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में शुरू होगा।

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लखनऊ

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Laxmi Narayan

Oct 25, 2017

KGMU Lucknow

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पहला स्पोर्ट्स मेडिसिन सेंटर लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में शुरू होगा। केन्द्र सरकार ने देश भर में पांच स्पोर्ट्स मेडिसिन केंद्रों की स्थापना की है और छठवां यूपी के केजीएमयू में शुरू होने जा रहा है। दरअसल इस समय देश में सीमित संख्या में स्पोर्ट्स मेडिसिन सेंटर हैं और उत्तर प्रदेश में एक भी नहीं है। खिलाडियों के जख्मी हो जाने पर उन्हें ट्रीटमेंट के लिए प्रदेश के बाहर जाना पड़ता है। समय से बेहतर इलाज न मिल पाने के कारण कई खिलाडियों का कैरियर तक खराब हो जाता है।

केंद्र सरकार ने दी विभाग की स्थापना पर सहमति

केजीएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर नरसिंह वर्मा ने बताया कि प्रस्तावित केंद्र में एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर, दो असिस्टेंट प्रोफेसर और दो रेजिडेंट डाक्टरों के पद स्वीकृत हुए हैं। इसकी ओपीडी एक महीने में शुरू हो जाएगी। इस केंद्र में तीन साल का एमडी और दो साल का डिप्लोमा कोर्स भी संचालित किया जाएगा। भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एण्ड स्पोर्ट्स ने इसकी स्थापना के लिए 12.5 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह राशि स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग की स्थापना और उसे पांच वर्षों तक चलाने के लिए स्वीकृत की गई है।

विश्वस्तरीय संस्थानों से होगा एमओयू

दरअसल उत्तर प्रदेश में खिलाडियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार स्टेडियम और क्रीड़ा संस्थानों का विकास तो हो रहा है लेकिन अभी तक खिलाडियों के इलाज के लिए स्पोर्ट्स मेडिसिन केंद्र का अभाव रहा है। प्रदेश में 68 स्टेडियम, 3 स्पोर्ट्स कालेज, 5 हॉकी स्टेडियम, 13 बास्केटबॉल स्टेडियम और अन्य क्रीड़ा संस्थान हैं लेकिन विशिष्ट स्पोर्ट्स मेडिसिन का चिकित्सा संस्थान एक भी नहीं है। इस समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश का पहला और देश का छठवां स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग केजीएमयू में शुरू होने जा रहा है। खिलाडियों के लिए विशिष्ट मेडिकल सेंटर की जरूरत इसलिए होती है क्योंकि यदि ट्रीटमेंट ठीक ढंग से नहीं मिला तो खेलने की क्षमता प्रभावित होती है और कई बार खिलाडी का कैरियर भी खत्म हो जाता है। इस केंद्र की स्थापना के बाद खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय इलाज की सुविधांए मिल सके, इसके लिए विश्वस्तरीय संस्थानों से एमओयू भी किया जाएगा।