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पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर लड़ेंगे 2024 का लोकसभा चुनाव, इस सीट से ठोकेंगे ताल

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर 2024 लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। वह अपनी अधिकार सेना पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ेंगे। उन्होने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी हाई।

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Amitabh Thakur File Photi

पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है। अमिताभ ठाकुर बलिया से 2024 लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। वह अपनी अधिकार सेना पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ेंगे। सोशल मीडिया पर जारी एक मैसेज के माध्यम से उन्होंने कहा, 'मैं नव गठित अधिकार सेना पार्टी से लोकसभा का चुनाव बलिया से लड़ूंगा। मैंने बलिया को इसलिए चुना है क्योंकि बागी बलिया के नाम से विख्यात यह वीरों की भूमि है और शुरू से ही परिवर्तन की भूमि मानी गई है।' अमिताभ ठाकुर ने यह भी कहा कि उन्होंने यूपी के बलिया को उसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की वजह से भी चुना है। बता दें कि अमिताभ ठाकुर ने 2022 में सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी लेकिन उस वक्त जेल में होने की वजह से वह चुनाव नहीं लड़ पाए थे।

अमिताभ ठाकुर हमेशा रहे सुर्खियों में

1992 बैच के आईपीएस अमिताभ ठाकुर सामाजिक मुद्दों को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में रहे हैं। प्रदेश में आपराधिक घटनाओं को लेकर भी वह टिप्पणी करते रहे हैं। मुख्य रूप से वह सुर्खियों में तब आए थे, जब उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से वअखिलेश यादव सरकार से सीधे-सीधे पंगा ले लिया था। दरअसल, अखिलेश की सरकार में मुलायम सिंह यादव पर फोन कर धमकी देने का आरोप लगा था। अमिताभ ठाकुर का आरोप था कि 15 जुलाई, 2015 को मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन कर धमकी दी थी जिसे लेकर लखनऊ के पुलिस स्टेशन में तहरीर भी दी गई थी।

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सपा सरकार में मुलायम सिंह यादव से जुड़ा प्रकरण होने के चलते मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। इसके बाद अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट की शरण ली थी और कोर्ट के निर्देश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज करने को कहा था। तब से इस मामले की जांच चल रही है। इस के चलते अखिलेश यादव सरकार में ठाकुर को निलंबित कर दिया गया था।

अन्य मामलों के लिए भी चर्चा में

ठाकुर और भी मामलों को लेकर चर्चा में रहे। अमिताभ ठाकुर पर आरोप था कि उन्होंने 16 नवम्बर, 1993 को आईपीएस की सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का जानकारी शासन को नहीं दिया गया। साथ ही ठाकुर ने 1993 से 1999 तक का वर्षवार संपत्ति विवरण शासन को एकमुश्त दिया। उनके वर्षवार वार्षिक संपत्ति विवरण में काफी भिन्नताएं हैं। उन्होंने अपनी पत्नी व बच्चों के नाम से काफी संख्या में चल एवं अचल संपत्तियां, बैंक व पीपीएफ जमा की हैं। उनको इसकी सूचना शासन को नहीं दी थी।

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वहीं पिछले वर्ष रेप आरोपी सांसद अतुल राय को बचाने और पीड़िता को हत्या के लिए उकसाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। पिछले वर्ष 16 अगस्त को पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली थी। इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया था। पीड़िता ने फेसबुक लाइव पर पुलिस अधिकारियों का नाम लिया था जिनमें अमिताभ ठाकुर का नाम भी शामिल था। हालांकि मार्च 2022 में उन्हें जमानत मिल गई थी।