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बड़ी खबरः मुफ्त राशन पात्रों को इस महीने नहीं मिलेगा राशन, जानिए बड़ी वजह

Free Ration Scheme: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मुफ्त राशन पात्रों को राशन नहीं मिल पाएगा। इसके पीछे बड़ी वजह है। सरकारी गोदामों से अभी तक अनाज उठा ही नहीं।

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लखनऊ

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Snigdha Singh

Jun 15, 2022

Free Ration will not be available in some districts of UP

Free Ration will not be available in some districts of UP

इस बार उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में मुफ्त राशन को लेकर मारामारी हो सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ लोगों को राशन मिल भी न पाए। इसके पीछे वजह हैं राशन डीलर। राशन डीलर सरकारी गोदाम से खाद्यान नही उठा रहे हैं। यह राशन डीलर तौल न होने और 27 रुपये प्रति कुतल भाड़ा देने का विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर सोमवार को जिला पूर्ति अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा था। लेकिन अब तक कोई सुनवाई नही हुई।

इन राशन डीलरों का कहना है कि डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम लागू होने से पहले उन्हें 24 रुपया प्रति कुंतल भाड़ा सरकार देती थी। नया सिस्टम लागू होन के बाद यह भाड़ा बंद कर दिया गया। अब सरकार ने खाद्यान्न राशन डीलर की दुकान तक सीधे पहुंचाने की व्यवस्था की है। इसके बाद भी उनसे 27 रुपये प्रति कुंतल भाड़ा की मांग अनुचित तरीके से की जा रही है। सोमवार को उन्होंने जिला पूर्ति अधिकारी से शिकायत की थी। इसके बाद जब मंगलवार को पूर्ति कार्यालय से राशन डीलरों के पास कोई सूचना नहीं पहुंची तो उन्होने गल्ला नहीं उठाया।

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इन जिलों में हो सकती समस्या

इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी सीमा त्रिपाठी ने बताया किराशन डीलरों की समस्या का समाधान कर दिया गया है। अभी राशन कम आ रहा है। जब राशन तेजी से आएगा तो उठान भी होने लगेगा। इटावा, कानपुर, औरैया समेत कई स्थानों पर राशन नहीं मिलेगा।

राशन कार्ड के नए नियम क्या हैं जानें

उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। इस गाइडलाइन से यह निर्धारित होगा कि कौन राशन कार्ड के लिए पात्र है और कौन अपात्र। उत्तर प्रदेश का निवासी होना जरूरी। परिवार का संचालन करने वाली मुखिया महिला। परिवार की मासिक आय 15,000 रुपए से कम। महिला मुखिया न होने की स्थिति में असाध्य रोग से ग्रसित पुरुष। 60 वर्ष से अधिक उम्र का पुरुष और पारिवारिक मासिक आय 15,000 रुपए से अधिक न हो। घर की महिला मुखिया की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो। ऐसा परिवार जो शहरी इलाके में उत्तराखंड राज्य के स्थापित होने से पहले झुग्गी-झोपड़ी में रह रहा हो। ऐसा परिवार जिसके पास सिंचित भूमि 2 हेक्टेयर से कम हो। इसमें 1 हेक्टेयर सिंचित या 2 हेक्टेयर असिंचित भूमि भी हो सकती है। कुल मिलाकर 4 हेक्टेयर से कम असिंचित भूमि रहनी चाहिए।

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