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Sanjeev Jeeva Murder: नब्बे के दशक के बाहुबली ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने मायावती को बचाया था, जानिए कैसे

High Court Sanjeev Jeeva Murder 2023: बसपा सुप्रीमो मायावती बोली- कड़ी कारवाही करें सरकार, गेस्ट हाउस कांड में मायावती के बने थे रक्षक, कुख्यात गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा की थी हत्या।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jun 08, 2023

 Lucknow High Court Sanjeev Jeeva Murder

Lucknow High Court Sanjeev Jeeva Murder

Lucknow High Court Sanjeev Jeeva Murder: पश्चिम यूपी के कुख्यात गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा की लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हत्या करने वाला विजय कुमार यादव (उम्र 18 साल) ने चलती कोर्ट में 3 बजकर 35 मिनट पर दनादन 6 गोलिया संजीव माहेश्वरी के ऊपर दाग दी। संजीव जीवा की मौके पर ही मौत हो गई।

माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी

संजीव जीवा माफिया मुख्तार अंसारी का बहुत ही करीबी था । उसका नाम तब सबके सामने आया जब उसने बीजेपी के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर दी। उस हत्याकांड संजीव जीवा सुर्खियों में आया था।


कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी ने की थी हत्या

90 के दशक में बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी तेजी से उभरे थे। उनका नाम सबकी जुबां पर था। तीन सालों के अंदर ही देश के बड़े-बड़े नेताओं के करीबी हो गए। आज भी उनके किस्से सुनाए जाते हैं कि मुलायम सिंह जैसे दिग्गज भी उनके कारण अपनी सीट बदल ली थी। उन्हें प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री माना जा रहा था। कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा ने खुद का बाद गैंग बनाने के लिए उनको मौत के घाट उतार दिया।

बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी अकेले भीड़ गए थे

2 जून 1995 को बसपा सुप्रीमो मायावती एक हादसे का शिकार होने वाली थीं। उस समय तत्कालीन भाजपा विधायक-पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने उन्हें बचाया था। उस वक्त मायावती लखनऊ में मीराबाई स्टेट गेस्ट हाउस में थीं। लोगों की भीड़ ने गेस्ट हाउस को घेर रखा था ।

उनके साथ पुलिस भी मूकदर्शक बनी थी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी सुरक्षा के लिए खुद को कमरे में बंद कर रखा था। कई लोग दरवाजा तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। उसी वक्त मौके पर पहुंचे बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने अपने ऊपर रिस्क लेकर अकेले ही भीड़ से लड़ गए थे ।

मायावती और ब्रह्मदत्त द्विवेदी का था खास रिश्ता

लाठी लेकर हथियारों से लैस गुंडों से भिड़ गये थे। मायावती ने भी उन्हें हमेशा अपना बड़ा भाई माना और कभी उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया। पूरे यूपी में मायावती बीजेपी का विरोध करती थीं लेकिन फर्रुखाबाद में ब्रह्मदत्त के लिए प्रचार करती थी । खुद मायावती ने कई बार कहा है कि जब मैं मुसीबत में थी, तब मेरी ही पार्टी के लोग, उन गुंडों से डरकर भाग गए थे, लेकिन ब्रह्मदत्त द्विवेदी भाई ने अपनी जान की परवाह किए बिना मेरी जान बचाई थी। मायावती ने वर्तमान सरकार से उचित जांच की मांग की है।