9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना में नौकरी छूटी और काम-धंधा भी हुआ चौपट, टेंशन बढ़ी तो बन गये शराबी

Corona Pandemic effect- कोरोना महामारी के कारण गैस्ट्रोलॉजिस्ट की ओपीडी में 50 फीसद की बढ़ोतरी, तनाव ने बनाया रोगी, लीवर से जुड़ीं दिक्कतें बढ़ीं, पोस्ट कोविड बीमारियों में पेट रोग नंबर वन पर

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Hariom Dwivedi

Jun 17, 2021

gastrointestinal and liver diseases increased during corona pandemic

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. कोरोना (Corona Pandemic) के कारण किसी की नौकरी चली गयी है। किसी की तनख्वाह कम हो गयी है तो किसी का काम धंधा चौपट हो गया। कुछ के अपने सगे बिछुड़ गए हैं। इस गम को मिटाने के लिए टेंशन को कम करने के लिए लोग शराब का सेवन कर रहे हैं। कुछ को कोविड (Covid 19) हुआ तो उसके बाद उन्हें बीमारियों से घेर लिया। तमाम बीमारियों से परेशान होकर लोग चिकित्सकों के यहां पहुंच रहे हैं। अल्कोहल की वजह से घरों में परिवारिक झगड़े भी बढ़ रहे हैं। इसलिए पसलियों और हडिड्यों के टूटने के मामले भी बढ़े हैं। लखनऊ हो या फिर नोएडा। हर बड़े शहर में गैस्ट्रोलॉजिस्ट (Gastrologist), छाती रोग (Chest) विशेषज्ञ और हड्डी (Ortho) रोग विशेषज्ञों की ओपीडी में भीड़ गयी है। इन मामलों में अन्य दिनों की अपेक्षा 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

डॉक्टरों का कहना है कि यह कोरोना इम्पैक्ट है। इसके शिकार लोगों में अल्कोहल का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। इस कारण गैस्ट्रोलॉजिस्ट की ओपीडी में लीवर से संबंधित दिक्कतों वाले लोगों की संख्या बढ़ी हुई है। सामान्य से करीब 50 फीसद ज्यादा ओपीडी बढ़ गई है। इसमें 15-20 प्रतिशत पोस्ट कोविड लीवर की दिक्कत वाले बढ़े हैं और 25-30 प्रतिशत लोग इन दिनों अल्कोहल का इस्तेमाल बढ़ाने से हो रही दिक्कतों वाले बढ़ गए हैं। हालांकि इनमें अधिकांश ऐसे हैं जिन्हें पहले से फैटी लीवर या लीवर में किसी और प्रकार की समस्या था। इनमें कुछ ने अल्कोहल का इस्तेमाल बंद रखा था। वह अब फिर से ले रहे हैं और इसका कारण तनाव बता रहे हैं। मेरे कई ऐसे मरीजों की मौत भी हो गई कि जिन्होंने अल्कोहल के इस्तेमाल पर रोक के बावजूद इसको बढ़ा दिया।

यह भी पढ़ें : यूपी में 21 जून से खुलेंगे मॉल्स और रेस्टोरेंट, नाइट कर्फ्यू में भी बढ़ी छूट, जानें- पूरी गाइडलाइन्स

तनाव बढ़ा रहा बीमारी
सीनियर फिजिशन डॉ. वीएन घोष ने बताया कि लोग इमरजेंसी की हालत में अस्पताल पहुंच रहे हैं और मौत तक हो रही है। लोग घरों में लंबे समय से हैं और कई तरह के तनाव में हैं। अल्कोहल की वजह से घरों में परिवारिक झगड़े भी बढ़ रहे हैं।

स्टेराइड का सेवन भी कारण
डायबिटीज और छाती रोग विशेषज्ञों के यहां भीड़ बढ़ गयी है। डॉ एलएन शंखधर बताते हैं कि पहले की तुलना में अब 70 प्रतिशत मरीज ऐसे आ रहे हैं जो कोविड के शिकार हुए। दूसरे बीमारी से उबरे तो शराब का सेवन करने लगे। स्टेराइड दवाओं के इस्तेमाल से वैसे ही शुगर बढ़ा था शराब के सेवन से जिंदगी और तबाह कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : फोड़ा-फुंसी और कील-मुहासों में रामबाण है घड़े का पानी, इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही कब्जियत भी करता है दूर

शराब ऐसे तोड़ता है शरीर
अल्कोहल सबसे पहले पेट में गैस्ट्रिक एसिड बनाता है और पेट की म्यूकस लाइन में सूजन पैदा करता है। इसके बाद आंतें इसे सोखती हैं और शराब लीवर तक पहुंचता है। लीवर बहुत सारे अल्कोहल को नष्ट कर देता है और शरीर पर होने वाले इस प्रभावों को कम कर देता है लेकिन जिन तत्वों को लीवर तोड़ नहीं पाता है, वो सीधे दिमाग तक पहुंच जाते हैं। अल्कोहल केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इसके बाद तंत्रिका तंत्र के कनेक्शन को तोड़ता है। शराब पीने से लीवर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता। इसके बाद पेट और शरीर का दूसरा सिस्टम प्रभावित होने लगता है।

यह प्रमुख कारण है तनाव का
-नौकरी चली गई या सैलरी कम मिल रही है लेकिन खर्च उतने ही हैं
90 प्रतिशत ने फ्लैट लोन पर ले रखे हैं। नौकरी जाने, सैलरी कम होने से फ्लैट की ईएमआई देना मुश्किल
-दो साल से सैलरी बढ़ी नहीं और राशन से लेकर डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ गए हैं।
-लोगों ने अपनों को खो दिया है। इस वजह से डिप्रेशन में जी रहे हैं।
-सेविंग खत्म हो गई हैं और लोगों को जीवन यापन करना चुनौती बन गया है।

यह भी पढ़ें : मानसून पैटर्न में बदलाव थार रेगिस्तान को बना सकता है हरा-भरा