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वूमेन पॉवर लाइन पर दर्ज हुई 2.21 लाख उत्पीड़न की शिकायतें, हजारों बुजुर्ग महिलाओं के साथ किशोरियां रही पीड़ित

50 साल से ऊपर की 6,640 महिलाएं भी पीड़ित बन सामने आई, उत्पीड़न का सबसे आसान साधन बन रहा मोबाइल फोन।

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लखनऊ

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Dhirendra Singh

Jan 06, 2018

Women Power Line

Women Power Line

लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस की वूमेन पॉवर लाइन (1090) यूनिट महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विशेष रुप से काम कर रही है। बीते साल 2017 में प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों को सांस लेने लायक सुरक्षित माहौल देने के लिए उनकी 2,21,354 शिकायतें फोन कॉल पर सुनी गई। यही नहीं वूमन पावर लाइन ने विभिन्न जिलों से आने वाली इन शिकायतों में 2,12,177 शिकायतों का निस्तारण भी कर दिया। वहीं बाकी 9,177 शिकायतों को उनके अंजाम तक पहुंचाने का काम चल रहा है। वूमेन पॉवर लाइन से जुड़े एक डाटा के मुताबिक उत्पीड़न, छेड़छाड़ जैसे मामलों की सबसे ज्यादा शिकार 20 से 22 वर्ष की लड़कियां ज्यादा होती है।

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वूमेन पॉवर लाइन के डाटा के मुताबिक बीते साल महिलाओं और लड़कियों के उत्पीड़न से जुड़ी 2,21,354 शिकायतें आई। इसमें सबसे ज्यादा शिकायतें घरेलू महिलाओं और लड़कियों की थी, कुल शिकायतों में 44 प्रतिशत इन्हीं की तरफ से दर्ज कराई गई। वहीं इसके बाद स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों की सबसे ज्यादा उत्पीड़न, छेड़छाड़, तानाकसी व अन्य मामलों से जुड़ी 42 प्रतिशत शिकायतें आई। इन शिकायतों के आधार पर पता चला कि 14 प्रतिशत कामकाजी महिलाओं को भी ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ा।

फोन के जरिये उत्पीड़न सबसे आम हरकत
आज कल परिचित और कई बार अंजान लोग भी नंबर पा जाने के बाद जबरन बात करने का प्रयास शुरु कर देते हैं। वूमेन पॉवर लाइन में लड़कियों और महिलाओं ने सबसे ज्यादा फोन पर परेशान किए जाने की शिकायतें दर्ज कराई। वूमन पावर लाइन को मिली 77 प्रतिशत यानी 1,70,442 शिकयतें फोन पर उत्पीड़न करने से जुड़ी थी। वहीं सार्वजनिक स्थल पर उत्पीड़न 19.9 प्रतिशत, सोशल मीडिया पर उत्पीड़न 1.5 प्रतिशत, घरेलू हिंसा के जरिये उत्पीड़न 1.5 प्रतिशत और अन्य तारिके से उत्पीड़न के 0.1 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं।

20 से 25 साल की उम्र वाले सबसे बड़े शिकार
देश भले ही युवा का कहा जा रहा हो, महिलाओं की सुरक्षा के दावे किए जा रहे हों। लेकिन शोहदे व अपराधिक मानसिकता के लोग इन्हीं युवा महिलाओं और लड़कियों को अपना सबसे बड़ा शिकार बना रहे हैं। कुल आई शिकायतों के आधार पर आकड़ों के मुताबिक 32 प्रतिशत यानी 70,833 शिकायतें 20 से 25 साल के बीच की महिलाओं और लड़कियों ने अपनी परेशानी वूमन पावर लाइन के सामने रखीं।
वहीं 0 से 15 साल की 1 प्रतिशत लड़कियां, 15 से 20 साल की 22 प्रतिशत लड़कियां, 25 से 30 साल की 18 प्रतिशत महिलाएं व लड़कियां, 30 से 40 साल की 17 प्रतिशत प्रतिशत महिलाएं व लड़कियां, 40 से 50 साल की 7 प्रतिशत महिलाओं व लड़कियों ने वूमन पावर लाइन को शिकायत दी।

50 वर्ष से ज्यादा की महिलाओं के साथ भी छेड़छाड़
सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात यह है कि प्रदेश भर से आई शिकायतों में 50 वर्ष से ज्यादा की महिलाओं की संख्या भी काफी रही। साल 2017 में करीब 50 वर्ष व उससे ज्यादा की 6,640 महिलाओं ने भी छेड़छाड़ व उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई।

शिकायत और निस्तारण के मामले में लखनऊ टॉप पर
वूमन पावर लाइन के उत्तर प्रदेश के 75 जिलों से साल 2017 में 2,21,354 शिकायतें मिली। इसमें लखनऊ जिला सबसे पहले स्थान पर रहा। इस जिले से 33,529 उत्पीड़न की शिकायते दर्ज कराई गई, जिसमें 31,555 का निस्तारण हो चुका है। वहीं कानपुर 9,794 हजार शिकायतों के साथ दूसरे और इलाहाबाद 9,011 हजार शिकायतों के साथ तीसरे नंबर पर रहा।