
Lucknow Gold
Gold Prices: पितृपक्ष के दौरान जिसे भारतीय संस्कृति में श्रद्धांजलि अर्पित करने का समय माना जाता है, सोने और चांदी की बिक्री आमतौर पर कम हो जाती थी। लेकिन इस वर्ष लखनऊ में सोने का भाव ₹75800 से बढ़कर ₹76100 पहुंच गया है। चौक सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद महेश्वरी के अनुसार, आज के दौर में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से तय होती हैं, और स्थानीय परंपराएँ अब उस तरह प्रभावी नहीं रहीं।
बढ़ती कीमतों के बावजूद ग्राहक पितृ पक्ष के दौरान सोना खरीदने से पीछे नहीं हट रहे हैं। महेश्वरी का कहना है कि जो ग्राहक सोने की बुकिंग कराते हैं, वे अक्सर नवरात्र के दौरान आभूषणों की डिलीवरी लेते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि त्योहारों की तैयारियों के चलते ग्राहकों की मांग भी बढ़ती जा रही है।
त्यौहारों के मौसम में सोने और चांदी की मांग में वृद्धि होती है। कारोबारी पहले से ही नवरात्र और दीपावली के लिए खरीदारी कर रहे हैं। महेश्वरी का कहना है कि त्योहारों के समय मांग बढ़ने की संभावना के चलते, उन्हें पहले से ही माल की खरीदारी करनी पड़ती है। इससे बाजार में स्थिरता और कीमतों पर प्रभाव पड़ता है।
सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजार का बड़ा हाथ है। जब वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका सीधा असर स्थानीय बाजार पर भी पड़ता है। इसी तरह, जियो-पॉलिटिकल घटनाएँ और आर्थिक स्थिरता भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं।
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पितृ पक्ष के दौरान सोने की कीमतों में गिरावट की अपेक्षाएँ अब बदल चुकी हैं। आज के इंटरनेट युग में बाजार की गतिशीलता ने पारंपरिक मान्यताओं को चुनौती दी है। त्योहारों के मौसम में सोने की बढ़ती मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार की प्रवृत्तियों के कारण, ग्राहकों को भविष्य में उच्च दामों का सामना करना पड़ सकता है।
Published on:
20 Sept 2024 08:03 am
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