scriptखुशखबर, यूपी में मिले लुप्तप्राय दुर्लभ प्रजाति के राज गिद्ध | Good news rare species Raj Vulture found in UP | Patrika News
लखनऊ

खुशखबर, यूपी में मिले लुप्तप्राय दुर्लभ प्रजाति के राज गिद्ध

पर एक खुशखबर है कि, एक शोध से पता चला है कि, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के आठ जिलों में सिर्फ 174 लाल गिद्धों का बसेरा देखने को मिला है। इनमें पांच साल के ऊपर उम्र के 132 और एक से सवा साल की उम्र के 42 लाल गिद्ध के बच्चे शामिल हैं। यह सर्वे तीन साल तक किया गया।

लखनऊJun 24, 2022 / 05:04 pm

Sanjay Kumar Srivastava

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यूपी ही नहीं पूरे देश में गिद्धों की संख्या बेहद कम होती जा रही है। पिछले तीन दशक में देश में गिद्धों की संख्या 4 करोड़ से घटकर 4 लाख रह गई है। इसमें भी दुर्लभ प्रजाति के लाल सिर वाले राज गिद्ध की गिनती तो अब अंगुलियों पर ही सीमित है। पर एक खुशखबर है कि, एक शोध से पता चला है कि, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के आठ जिलों में सिर्फ 174 लाल गिद्धों का बसेरा देखने को मिला है। इनमें पांच साल के ऊपर उम्र के 132 और एक से सवा साल की उम्र के 42 लाल गिद्ध के बच्चे शामिल हैं। यह सर्वे तीन साल तक किया गया।
राज गिद्ध की खासियत

राज गिद्ध लाल सिर का दुर्लभ प्रजाति का गिद्ध होता है। इसका भारी कद, काठी होती है। और देश में इनकी संख्या काफी कम है। ये गिद्ध किसी समूह में शामिल न होकर अकेले या मादा के साथ ही देखे गए हैं। भारत में करीब नौ प्रकार के गिद्ध पाए जाते हैं। इनमें राज गिद्ध के साथ देसी गिद्ध, सफेद गिद्ध, काला गिद्ध, हिमालयी गिद्ध, यूरेशियाई गिद्ध, पतल चोंच गिद्ध सहित एक अन्य नाम शामिल है।
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यूपी में सिर्फ 9 राज गिद्ध

लखनऊ विश्वविद्यालय जंतु विज्ञान विभाग की प्रो. अमिता कनौजिया के निर्देशन में शोध कर रहे छात्र अंकित सिन्हा ने बताया कि, गिद्धों पर सर्वे के लिए 2018 से डेटा जुटा शुरू किया। कुल 13 जिलों का चयन किया गया। इनमें से सिर्फ आठ जिलों में ही राज गिद्ध देखने को मिले हैं। उत्‍तर प्रदेश के चित्रकूट में पांच, झांसी में एक व ललितपुर में तीन राज गिद्ध पाए गए। वहीं मध्य प्रदेश के छतरपुर में 17, दमोह में 48, पन्ना में 45, सागर में 48, टीकमगढ़ में सात राज गिद्ध मिले।
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ऊंची जगहों पर होता है घोंसला

अंकित सिन्हा ने बताया कि, 300 मीटर या उससे भी ऊंची जगहों पर लगे पेड़ों पर इनका घोंसला मिला। यह अन्य गिद्धों से अलग अकेले या मादा के साथ रहते हैं। खास बात यह है कि जहां भी राज गिद्ध घोंसला बनाता है, वहां से एक किमी के दायरे में दूसरा राज गिद्ध घोसला नहीं बना सकता। लाल सिर और काले पंख वाले नर राज गिद्ध की आंखें सफेद या हल्के पीले रंग तथा मादा गिद्ध की आंखें भूरे रंग की होती हैं।
शव को राज गिद्ध ही खोलता है

शोधार्थी अंकित ने बताया कि, राज गिद्ध की खूबियों के बारे में बताया की कि, राज गिद्ध की अनुपस्थिति में कोई भी गिद्ध, जानवर के शव को खोल नहीं सकता। तो राज गिद्ध ही इसको अपनी चोंच से फाड़ता है। सबसे पहले खुद ही खाता है। उसके बाद बाकी गिद्ध खाना आरंभ करते हैं। सर्वेक्षण के पूर्व शोधपत्रों में भी इसका जिक्र है। शोध छात्र अंकित सिन्हा का शोध पत्र इंटरनेशनल जर्नल आफ जूलाजिकल इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित होने के साथ-साथ हाल ही में थीसिस भी जमा हो चुकी है।
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