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अगर इन दो बड़े सरकारी बैंकों में है आपका खाता तो निकाल लीजिए धन, सरकार का बड़ा ऐलान

Bank News: सरकार की तरफ से दो बड़ी सरकारी बैंको के ऐलान होने वाले हैं। यदि आपका खाता भी इन बैंकों में हैं तो सतर्क हो जाइए। इन बैंकों में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।

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लखनऊ

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Snigdha Singh

Jun 03, 2022

भारत में निजीकरण की मांग तेजी से बढ़ रही है। एक तरफ मोदी सरकार के द्वारा रेलवे और अन्य चीजों को निजी हाथों में सौंपने की बात कही जा रही है। इसी बीच अब एक और खबर सामने आई है। जिससे कुछ लोगों को नुकसान झेलना पड़ सकता है। जानकारी मिली है कि देश की दो सरकारी बैंक जल्दी ही प्राइवेट हो सकती है। इसकी बोलियां अब कई कंपनियों के द्वारा लगना शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार सितंबर तक इन बैंकों का निजीकरण के हाथों में सौंप दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर सरकारी कर्मचारी भी इसके विरोध में लगातार हड़ताल कर रहे हैं।

दरअसल, सरकार के द्वारा बैंकों को निजीकरण हाथों में सौंपने को लेकर इसके खिलाफ और सरकारी कर्मचारी भी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार 2 सरकारी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इन बड़े बदलावों की तैयारी पूरी हो चुकी है। वहीं कैबिनेट की मंजूरी में कुछ समय लग सकता है। सरकार का लक्ष्य है कि सितंबर तक कम से कम एक बैंक का निजीकरण सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही पीएसयू बैंकों में विदेशी स्वामित्व पर 20% की सीमा को हटाने के लिए तैयार है। यूपी में इससे पहले कॉरपोरेट बैंक होने का बड़ी झटका ग्राहकों को मिल चुका है। इसलिए उत्तर प्रदेश के ग्राहकों में इसका अलर पहले ही देखने को मिल रहा है।

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कौन सी बैंक होंगी प्राइवेट

सरकार ने 2 सरकारी बैंकों को प्राइवेट करने के लिए तैयारी पूरी कर ली है, जल्द ही इन्हें निजी हाथों में सौंपा जाएगा। विधेयक की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। विनिवेश पर मंत्रियों का समूह निजी करण के लिए बैंकों के नाम को अंतिम रूप देगा। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए आईडीबीआई बैंक के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के 2 बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। जानकारी मिली है कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को निजीकरण के हाथों में सौंपा जाएगा। ये दो ऐसे बैंक है जिन्हें पहले निजीकरण किया जाना है।

सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा असर

अगर ऐसा होता है तो सरकारी बैंक प्राइवेट हो जाएगी और इसका नुकसान सरकारी कर्मचारियों को भुगतना पड़ सकता है। सरकारी कर्मचारी कई दिनों से बैंक को निजीकरण करने के विरोध में उतरे हुए हैं। लगातार विरोध में प्रदर्शन काली पट्टी बांध रहे। अब देखना यह होगा कि सरकार कब तक इन बैंकों को निजीकरण हाथों में सौंपती है। इसके साथ ही जमाधन पर भी संशय है। इसलिए लोग निकालने का प्रयास कर रहे।

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