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शारीरिक, मानसिक ताकत के लिए खेल बहुत जरूरी : राज्यपाल

यूपी देश का इकलौता राज्य था, जिसने न सिर्फ अपने राज्य, बल्कि मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया था।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jan 27, 2023

खिलाड़ियों को केंद्र व प्रदेश सरकार दे रही सुविधाएं

खिलाड़ियों को केंद्र व प्रदेश सरकार दे रही सुविधाएं

यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि बसंत पंचमी के पवित्र दिन पर खिलाड़ियों के सम्मान की खुशी है। खिलाड़ी जब खिलाड़ी बनता है तब उनकी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक क्षमता के साथ सबसे महत्वपूर्ण अनुशासन बढ़ता है। बिन अनुशासन मानव जीवन में गड़बड़ी होती है।

कॉमनवेल्थ गेम्स और नेशनल गेम्स जीतने वालों का हुआ सम्मान

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उत्तर प्रदेश दिवस समारोह के अंतर्गत राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 व 36वें नेशनल गेम्स-2022 में पदक जीतने व प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के अलंकरण समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आम के पेड़ पर फल आता है तो वो झुक जाता है। नम्रता, विवेक और मदद की भावना आती है। आप विदेशों के खिलाड़ियों से मिलते होंगे। वहां के संस्कार, परंपरा व खिलाड़ियों से दोस्ती होती है। वहां उन्हें कैसी मदद मिलती और हम कैसी मदद करते, यह भी चर्चा होती होगी।

पढ़ाई के साथ -साथ खेल में भी दिमाग लगाए : राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि खिलाड़ी को खेल के साथ पढ़ना कतई नहीं छोड़ना चाहिए। सर्टिफिकेट के साथ आप खेल की दुनिया में नाम रोशन करते हैं। इससे अवसर जल्दी मिलता है। नियुक्ति के लिए डिग्री व खिलाड़ी का सर्टिफिकेट है तो आपका चयन पहले होगा। क्षमता के अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि मेरठ में खेल विश्वविद्यालय में शिलान्यास के लिए जब पीएम आए थे तो खिलाड़ियों से चर्चा की थी कि आप जहां से आते है, वहां के प्राइमरी-सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को सिखाओ।

पुराने खेलों को ना भूले,स्वस्थ रहने के लिए खेल जरूरी: राज्यपाल

राज्यपाल ने बताया कि वे विश्वविद्यालय में कबड्डी व खो-खो की चैंपियन थीं। बीएससी-एमएससी के साथ मैदान में जाकर खेलते और प्रतिभाग करते थे, फिर घर जाकर रोटी भी पकाती थी। मां छोटी आयु से यह सिखाती है, लेकिन आपकी भी रुचि होनी चाहिए। पीएम ने परंपरागत खेल को सिखाने की भी बात कही थी। परंपरागत खेलों (खो-खो, कबड्डी, दौड़ आदि) में कोई खर्च नहीं है। 8-10 बच्चे मिलकर खेल लेते हैं। राजभवन में 40-45 बच्चियों को जूडो सिखवाया। वे स्कूलों में मेडल जीतकर आती हैं।

अब लड़कों के लिए जूडो सिखाने की शुरुआत की। 2 वर्ष से हम परंपरागत खेल चला रहे हैं। लगभग 22-23 खेल हमारे बच्चे सीखते और प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। पहले जो बच्चे बीमार होते थे, अब नहीं होते। दवाई लेने की बजाय मैदान में जाकर खेलो। स्वास्थ्य की नजर से भी खेल अनिवार्य होना चाहिए।

खिलाड़ियों को केंद्र व प्रदेश सरकार दे रही सुविधाएं

राज्यपाल ने कहा कि खिलाड़ियों को आगे आने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार सुविधाएं दे रही हैं, लेकिन वहां से मिले, तब खेलूं। इससे बढ़िया है कि खेलते रहिए। खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बेटियां 240 किलो वजन उठा रही हैं। हम तो सब्जी लेने भी जाते हैं तो नौकर लेकर जाते हैं। आज हमारी यह स्थिति हो गई है। खेल से सब कुछ मिलता है। बैठने व बात करने से कुछ नहीं मिलता।