जालौन. आज से पूरे प्रदेश में हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। लेकिन UP Board Exam 2018 के पहले दिन ही बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी पर तैनात वित्तविहीन शिक्षकों ने परीक्षा का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को जालौन में बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार करते हुए सैकड़ों शिक्षक परीक्षा केंद्रों पर नहीं पहुंचे साथ ही अपनी मांगों को लेकर दर्जनों वित्तविहीन शिक्षक एकत्रित होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं का बहिष्कार करते हुये धरना दिया। यह बहिष्कार यूपी सरकार द्वारा अकारण ही मानदेय बंद किये जाने को लेकर था।
बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार
जालौन के उरई जिला मुख्यालय में दर्जनों वित्तविहीन शिक्षक कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने प्रदेश सरकार पर अकारण वेतन रोकने का आरोप लगाते हुए बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार करते हुये धरना दिया। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर वित्तविहीन शिक्षकों सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कलेक्ट्रेट में धरना देते हुये माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रांतीय महासचिव अशोक राठौर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा वित्तविहीन शिक्षकों का अकारण वेतन रोक दिया गया। साथ ही परीक्षा का पारश्रमिक प्रतिपाली 36 रूपए है जो बहुत कम है। साथ ही कई सालों से शिक्षकों का भुगतान भी नहीं हुआ।
सरकार कर रही शोषण
अशोक राठौर ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में 87 प्रतिशत से अधिक योगदान देने वाले शिक्षकों का सरकार द्वारा शोषण किया जा रहा है। जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है। इसलिए सभी वित्तविहीन शिक्षक बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि परीक्षा में सरकार वैकल्पिक व्यवस्था कर काम चला लेगी लेकिन बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन में सरकार को कठिनाई होगी। बहिष्कार करने वाले शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार उनकी 6 सूत्री मांगे पूरी नहीं करती है तो परीक्षा ड्यूटी के साथ कापियों का मूल्यांकन भी नहीं करेगे।
कार्रवाई की चेतावनी
परीक्षा में ड्यूटी न करने वाले शिक्षकों के बारे में जब जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत प्रसाद पटेल से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि कुछ वित्तविहीन शिक्षकों ने जरूर ड्यूटी ज्वाईन नहीं की लेकिन ज्यादातर शिक्षकों ने परीक्षा ड्यूटी को ज्वाइन कर ली है। परीक्षा में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आ रही है। लेकिन जिन शिक्षकों ने परीक्षा का बहिष्कार किया है उनके खिलाफ नकल अध्यादेश के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।